आवास योजना में ग्रामीण हितग्राहियों के साथ हो रहा है भेदभाव
“नरेश भीमगज की रिपोर्ट”
कांकेर। प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण हितग्राहियों के साथ भेदभाव करने का आरोप राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन के अध्यक्ष देवचंद भास्कर और उपाध्यक्ष नजीब कुरेशी ने लगाया है।आज एक प्रेस बयान जारी कर नेताद्वय ने बताया कि शहरी क्षेत्र के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु 2लाख 50 हजार रुपए आवंटित होता है वो ही ग्रामीण क्षेत्र में इस योजना के तहत हितग्राहियों को सिर्फ 1 लाख 30 हजार राशि आवंटित है।गौरतलब बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में भवन निर्माण सामग्री शहरी क्षेत्र से ही खरीदी जाती है और इसके साथ परिवहन मद पर भी व्यय अधिक होता है।नेताओं ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में हितग्राहियों के बीच 1 लाख 30 हजार रूपये का अंतर है,जब कि वास्तविकता यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में भवन निर्माण हेतु अधिक राशि व्यय होती है।यूनियन के नेताओं ने केंद्र सरकार पर यह भेदभाव बंद करने का मांग करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में आवास योजना के तहत 3 लाख रुपए आवंटित करने की मांग किया है।मजदूर नेताओं ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर रेती को रॉयल्टी पर छूट देने की घोषणा सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का एक कदम है,जबकि वास्तव में आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्र के हितग्राहियों के साथ हो रहे भेदभाव को बंद करना चाहिए और डबल इंजिन की सरकार को ग्रामीण हितग्राहियों के साथ न्याय करना चाहिए।