स्थानीय व्यक्ति को कुलपति बनाने के विवाद में राज्य सरकार और राज्यपाल आमने-सामने
रायपुर । राज्य के विश्वविद्यालय में स्थानीय व्यक्ति को कुलपति बनाने के विवाद में राज्य सरकार और कुलपति आमने-सामने आ गए हैं। सरकार जहां स्थानीय कुलपति की मांग का समर्थन कर रही है, वहीं राज्यपाल ने यह कहकर सरकार पर निशाना साधा कि अधिकांश विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर एक समाज का प्रतिनिधित्व है। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि प्रदेश के 14 विश्वविद्यालय में से नौ विश्वविद्यालय में स्थानीय व्यक्ति कुलपति हैं। विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति का संवैधानिक अधिकार राज्यपाल के पास होता है।
राज्यपाल ने कहा कि ज्यादातर विश्वविद्यालय में एक समाज के लोगों का प्रतिनिधित्व है, जबकि प्रदेश में 32 फीसद एसटी और 14 फीसद एससी लोग हैं। हमारा काम मेरिट के आधार पर चयन करना है।
राज्यपाल के बयान के बाद सरकार के प्रवक्ता और मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि आंदोलन कर रहे छात्रों और शिक्षकों की मांग जायज है। सरकार उनकी मांग के साथ है। छत्तीसगढ़ के योग्य उम्मीदवारों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। चौबे ने कहा कि मैं राज्यपाल की नाराजगी पर कुछ नहीं कहना चाहता, लेकिन स्थानीय कुलपति की मांग जायज है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कुलपति की नियुक्ति विवाद में कहा कि जहां दूसरे दल की सरकार है, वहां राज्यपाल के कार्यों से टकराव की स्थिति पैदा हो रही है। राज्यपाल का पद सम्मानित है। राज्यपाल को अपनी सीमा को देखकर, पहचान कर काम करना चाहिए। राज्यपाल अगर समानांतर व्यवस्था खड़ी करने की कोशिश करेंगी, तो विवाद की स्थिति पैदा होगी। सिंहदेव ने सवाल किया कि क्या छत्तीसगढ़ में योग्य व्यक्ति नहीं है, जिन्हें कुलपति बनाया जा सके।