लापरवाह शिक्षकों पर होगी सख्त कार्रवाई -कलेक्टर
रायपुर। नवगठित मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला में शिक्षा के स्तर और शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए जिला कलेक्टर पी.एस. ध्रुव ने बीते दिन जिले के सभी हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों के प्राचार्यों के साथ बैठक कर शिक्षा स्तर की समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री ध्रुव ने सभी प्राचार्यों के माध्यम से जिले के शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिया कि बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को विशेष तैयारी करायी जाए। वहीं जिला कलेक्टर ने लापरवाह शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही है। इसके अलावा विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास और कौशल विकास पर जोर देने के लिए कहा गया।
जिला कलेक्टर द्वारा हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों के प्राचार्यों की आहुत बैठक की शुरुआत शिक्षा के तीन चरण स्मृति, बोध और चिंतन पर ध्यान केन्द्रित कराया गया। इस दौरान विद्यार्थियों की कमियों को दूर करके उनके बौद्धिक विकास एवं कौशल विकास पर विशेष रूप से ध्यान देने की बात कही गई। कलेक्टर श्री ध्रुव ने कहा कि, स्कूलों में बच्चे अपने दिन का लगभग 6 घंटे का समय व्यतीत करते हैं। ऐसे में इस अवधि में स्कूल के शिक्षक उनके सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करें। उन्होंने स्कूलों में नियमित रूप से पालक समिति की बैठक कर स्कूलों के समस्त गतिविधियों की जानकारी और विद्यार्थी से जुड़ी जानकारियां उनके पालकों से साझा करने के लिए निर्देशित किया। जिला कलेक्टर ने कहा कि, स्कूलों में ऐसा माहौल तैयार हो सके जिससे बच्चों के बीच शिक्षा समेत अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो। शिक्षा की गुणवत्ता में उच्च कोटि का सुधार करने का प्रयास हो और बेहतर शिक्षा बच्चों को दी जाए जिससे वे भविष्य के लिए स्वाभाविक रूप से तैयार हो सकें। इसके साथ ही कलेक्टर ने शिक्षकों से निर्धारित समय पर स्कूल आने, पूरे समय स्कूल में उपस्थित रहने तथा स्वाध्याय कर बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा, जिससे गुणवत्ता में व्यापक सुधार हो सके। इस दौरान उन्होंने 10वीं-12वीं की कक्षाओं के विद्यार्थियों को अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने के लिए स्कूलों में विशेष तैयारी कराने तथा इसकी शिक्षकों के अध्यापन की मॉनिटरिंग प्राचार्यों को करने निर्देशित किया।
जिला कलेक्टर श्री ध्रुव ने जिले के समस्त प्राचार्यों को स्वामी आत्मानंद स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल शासन की उच्च प्राथमिकता के स्कूल हैं। शिक्षकों को अपने अंदर निहित गुणों को निकालकर बच्चों को प्रदान करने और विद्यार्थियों में भी शिक्षकों के इन गुणों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों की शिक्षण संबंधी हर जिज्ञासा को शांत किया जाए और उनमें सवालों के जवाब देने की क्षमता को विकसित किया जाए।