मेरा गांव मेरी धरोहर के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के सांस्कृतिक धरोहरों का होगा सर्वे
राजीम। गांव गांव की सांस्कृतिक धरोहर की सूचना को अब मोबाइल ऐप के माध्यम से सर्वे किया जाएगा जिसके लिए भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय और सीएससी के मध्य अनुबंध किया जा चुका है जिला के सभी गांव की सांस्कृतिक सूचना मोबाइल ऐप के जरिए एकत्र का काम कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों द्वारा किया जाना है जिसके क्रम में जिला स्तर पर सीएससी संचालकों का प्रशिक्षण संपन्न हुआ जिसके बाद संचालकों द्वारा इस कार्य को किया जाना है यह कार्य देश में पहली बार किया जा रहा है जिसको भारत सरकार द्वारा मेरा गांव मेरी धरोहर नाम दिया गया है इस योजना के तहत जिला गरियाबंद के समस्त सीएससी संचालकों को प्रशिक्षण कराई गई है सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत सीएससी कॉमन सर्विस सेंटर और केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के साझा सहयोग से पहली बार यह कार्य किया जा रहा है जिसको मेरा गांव मेरी धरोहर नाम दिया गया है शब्द से सीधा आशय है कि गांव की विरासत को इस सर्वे के दौरान 9 विशेष बातों को दर्ज किया जाना है सांस्कृतिक शब्द से सीधा संबंध है कि कोई ऐसी चीज जिसमें कुछ विशेष हो या वह पुरानी ऐसी सभी चीजों को सरकार इकट्ठा कर इन चीजों के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहती है इसे गांव के नागरिकों के सहयोग से किया जाना है।
प्रदेश प्रोजेक्ट मैनेजर सुरेंद्र दास एवं जिला प्रबंधक रितेश शुक्ला ने बताया कि
ये जानकारी होगी दर्ज
इस सर्वे के दौरान गांव के लोगों से कुछ जानकारी लेकर दर्ज करना है जिसमें गांव की खास पहचान क्या है ,गांव की खास सांस्कृतिक पहचान, गांव के प्रसिद्ध स्थान, प्रसिद्ध व्यक्ति, विशेष पकवान, विशेष आभूषण, विशेष कपड़े आदि के बारे में जानकारी दर्ज की जानी है इन सभी से संबंधित जानकारी फोटो वीडियो आदि चीजें ऐप पर दर्ज की जाएगी जिला प्रबंधक रितेश शुक्ला ने बताया कि मेरा गांव मेरी धरोहर के तहत आम व्यक्ति ग्राम के पुराने धरोहरों के बारे में नहीं जानते हैं अथवा पुराने धरोहर व इमारत, धार्मिक स्थल विलुप्त होने के कगार में हैं उन सारे स्थलों चीजो ,कलाकारी आदि का संयोजन ऐप में किया जाएगा जिसको एक क्लिक से सारी जानकारी लेकर उनको देख सकते हैं उक्त अवसर पर परमानंद साहू सह जिला प्रबंधक, तुलाराम साहू, गणपत साहू, खिलावन साहू, देवलाल चक्रधारी गिरधारी साहू, छबि लाल विश्वकर्मा एवं जिले के समस्त वी एल ई उपस्थित थे।