बेलटुकरी के हास्य कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने लिया भरपूर आनंद

Spread the love

राजिम । बेलटुकरी में गुरुवार की रात श्रीमद्भागवत मंच के पास हास्य कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ कवि एवं रामायण व्याख्याकार रामशरण साहू द्वारा मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर किया गया। इसमें सभी कवियों ने ईश्वर भक्ति एवं देशभक्ति कविताएं पढ़कर माहौल को खुशनुमा बना दिया। राष्ट्रीय कवि अजय अटपटू ने घर-घर राम पैदा करने के लिए राम के चरित्र को अपनाने की बात कहते हुए उन्होंने अपनी कविता पढ़ी पंक्ति देखिए-मुझसे मत कहना मंदिर में जाकर शीश झुकाने को, हार प्रसाद चढ़ाकर घंटा झालर शंख बजाने को, और राम भक्त बनने से ज्यादा, बनना राम जरूरी है। चौबेबांधा के युवा कवि संतोष कुमार सोनकर मंडल ने बेटियों पर शानदार पंक्ति दी प्रस्तुत है कुछ अंश-नव वर्ष की कन्या मां दुर्गा, दस सुभद्रा की अवतार है, ममता दुलार की प्रतिमूर्ति, करती हम सबकी बेड़ा पार है। उन्होंने श्रृंगार में छत्तीसगढ़ की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि कहाॅं जाबे काशी मथुरा, राजिम हावे तीरथ धाम, सिरपुर आरंग भोरम के, जग म छागे नाम। इन कविताओं को सुनकर श्रोताओं ने खूब तालियों की आवाज मिली और माहौल बन गया। बागबाहरा के युवा गीतकार धनराज साहू ने गांव की संस्कृति एवं संस्कार को उजागर करते हुए कहा कि करमा ददरिया आ रा रा रा सबो नॅंदावत हे ना। इस गीत में समा बांध दिया। राजिम के शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने माहौल में रंग भर दिया उनकी प्रस्तुति ने खूब तालियां बटोरी। प्रस्तुत है चंद लाइने-कबाहत को दिल से मिटाए चलो, जहाॅं नेकी का अब बसाये चलो। जिधर तीरगी की हुकूमत दिखे, दीया उस दिशा में जलाएं चलो। रावड़ से पहुंचे ओज कवि टीकमचंद सेन ने देशभक्ति कविता पढ़कर में जोश भर दिया। पंक्ति देखिए-फांसी पर लटका दो यारो, देश के उन गद्दारों को, सेना का अपमान करें वह, कायर और मक्कारो को। बागबाहरा के ही पैरोडीकार डीगेश्वर साहू अलकरहा ने हास्य पैरोडी पढ़कर देर समय तक गुदगुदाते रहे। उन्होंने पत्नी पीड़ित से लेकर मिर्ची भजिया का स्वाद के अलावा छत्तीसगढ़ के सब्जियों का गुणगान किया। गीतकार अनुराग त्रिवेदी के गीत को श्रोताओं ने काफी पसंद किया। इस मौके पर रामायण समिति के प्रमुख सावंत साहू मुकेश साहू प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.