मेरा चिंता का कारण छोटा भाई है जो प्रतिदिन लिटिल पैक लेता है.मोखला के कवि सम्मेलन में हास्य रस की हुई बरसात
संतोष सोनकर की रिपोर्ट
राजिम । मोखला में नव दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ। शुभारंभ पर कवियों के द्वारा जगत जननी मां दुर्गा की पूजा अर्चना की गई पश्चात गांव के वरिष्ठ नागरिक शेखर चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि पुरुषों की तरक्की में महिलाओं का हाथ होता है। आज मैं इस मंच पर खड़ा हूं और मंदिर का भव्य निर्माण हुआ है यह सब माता रानी की कृपा है कवि सम्मेलन कविताओं की माला है हर समय यहां अलग-अलग कार्यक्रम होते थे लेकिन इस बार लोगों को साहित्यिक यात्रा कराने के उद्देश्य से हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे कभी कब कौन सी बात कह दे और किसको लग जाए तथा उनकी जिंदगी सुधर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता कविताएं समाज को दिशा देने का काम करती है।
कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए चुटकुलेकार गोकुल सेन ने शेरो शायरी से माहौल में चार चांद लगा दिया तथा उन्होंने व्यंग्य रचना आज का रावण सुनाते हुए कहा कि ‘रावण ने तो एक हरा, यहां हजार हरे जाते हैं। अपनी हरण कराने को यहां कतार लग जाते हैं। और हरने में भी रावण शर्माते हैं। हास्य कवि संतोष कुमार सोनकर मंडल ने चार चार लाइन की टुकड़िया देकर खूब गुदगुदाया। उन्होंने बेटियों पर शानदार कविता पढ़ें और कहा कि- हर बेटी माता है, संतान की भाग्य विधाता है। करती निश्चल प्रेम सभी से, रखती सबसे गहरी नाता है। पैरोडीकार किशोर निर्मलकर ने पैरोडी के माध्यम से लोगों को ताली बजाने के लिए मजबूर कर दिया।
हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर संतोष सेन व्यंग्य रचना देते हुए कहा कि- शराब से दो लोग चिंतित है। पहला देश का प्रधानमंत्री और दूसरा मैं, मेरे चिंता का कारण मेरा छोटा भाई है जो प्रतिदिन लिटिल पैक लेता है।
युवा शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने तनहाई पर पंक्ति सुनाएं-लम्हा लम्हा इतनी तन्हाई रहती है। मुझसे दूर अब मेरी परछाई रहती है। झूठ अदालत में गुंडागर्दी करता है। बेबस एक कोने में सच्चाई रहती है।
नई कविता करते हुए पांडुका गरियाबंद के कवि नूतन साहू ने चार चांद लगा दिया उनकी रचना सुनकर श्रोताओं से खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मीकांत साहू ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्राम वासी उपस्थित होकर काव्य रस में भींगते रहे।