The Popatlal

सच्ची खबर देंगे पोपटलाल

ChhattisgarhMISC

बीएआई छत्तीसगढ़ की दूसरी राज्यस्तरीय बैठक, ठेकेदारों ने की मांग जीएसटी 18% अलग से लागू किया जाए

Spread the love

रायपुर। बिल्डर एसोसिएशन आफ इंडिया (बीएआई) छत्तीसगढ़ की दूसरी राज्यस्तरीय बैठक रायपुर में आयोजित हुई, जिसमें प्रदेश भर से लगभग 150 ठेकेदारों ने हिस्सा लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में ठेकेदारों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए और निर्माण क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। प्रदेश अध्यक्ष रुपेश कुमार सिंघल ने सभी मुद्दों के त्वरित निवारण के लिए संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कर समाधान का आश्वासन दिया। बैठक में बीएआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के.सी. राव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कंवलजीत सिंह ओबेरॉय, अलोक शिवहरे, सेंटर चेयरमैन सुशील अग्रवाल सहित राज्य के सभी केंद्रों के चेयरमैन उपस्थित रहे।

बैठक में ठेकेदारों ने जीएसटी, अनुबंध सुधार, और भुगतान प्रक्रिया जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। ठेकेदारों ने मांग की कि जीएसटी को 18% अलग से लागू किया जाए। इसके अलावा ब्रिज, बिल्डिंग, और रोड रडफ एग्रीमेंट में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया। अनुबंध सुधार के तहत यह सुझाव दिया गया कि एफएमडी (अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट) को डीडी, एफडीआर, या आॅनलाइन ईएमडी के रूप में स्वीकार किया जाए, और एल-1 की राशि को कार्य में समायोजित किया जाए। अन्य प्रतिस्पर्धी ठेकेदारों की अमानत राशि को तुरंत वापस करने की मांग भी उठी।

बैठक में परफॉरमेंस गारंटी (पीजी) को लेकर भी चर्चा हुई। ठेकेदारों ने सुझाव दिया कि यदि पीजी को 5 साल के लिए रखा जाता है, तो टेंडर आइटम की ट्रैफिक गणना या राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के मानकों के अनुसार होना चाहिए। इसके साथ ही, 5 वर्ष के संधारण अवधि में डिफेक्ट लायबिलिटी को एक साल तक सीमित कर शेष 4 वर्ष का भुगतान आधार पर संधारण कराया जाए। भवन निर्माण कार्यों के लिए पीजी की अवधि 3 साल करने और संधारण कार्यों के लिए अतिरिक्त भुगतान को अनुबंध में शामिल करने की मांग की गई। यह व्यवस्था राष्ट्रीय राजमार्ग और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पहले से लागू है, जिसे अन्य विभागों में भी लागू करने की आवश्यकता जताई गई।

ठेकेदारों ने मूल्य वृद्धि (एस्केलेशन) की गणना को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने मांग की कि मूल्य वृद्धि की गणना लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के वर्क मैनुअल के अनुसार हो। इसके अलावा, लोहा, सीमेंट, डामर, और इमल्शन की कीमतों को वतर्मान बाजार दरों के आधार पर निर्धारित किया जाए। इन सुझावों को लागू करने से ठेकेदारों को कार्य करने में आसानी होगी और निर्माण क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी।

प्रदेश अध्यक्ष रुपेश कुमार सिंघल ने कहा कि ठेकेदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी सुझावों को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने एकजुटता दिखाते हुए निर्माण क्षेत्र की चुनौतियों को दूर करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। यह बैठक छत्तीसगढ़ के निर्माण क्षेत्र में सुधार और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *