तीसरे दिन भी रुका रहा रेल कॉरिडोर का काम,आज किसान सभा के साथ प्रशासन करेगी वार्ता
कोरबा। पुरैना नदी के पास गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर निर्माण का काम आज तीसरे दिन भी रुका रहा। अधिग्रहण से प्रभावित ग्रामीण छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरना में बैठे हुए हैं। उनकी मांग है कि अधिग्रहित जमीन और उस पर खड़े पेड़ों का मुआवजा उन्हें तुरंत दिया जाए, तभी काम आगे बढ़ेगा। इस आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने कल किसान सभा नेताओं और ग्रामीणों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।रेल कॉरिडोर निर्माण स्थल पर छत्तीसगढ़ किसान सभा के बैनर पर ग्रामीणों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना शुरू है। वे लाल झंडे गाड़कर धरना पर बैठ गए हैं। किसानों के उग्र तेवर को देखते हुए पेड़ कटाई और मिट्टी पाटने का काम तीसरे दिन भी बंद रहा। इस स्थल पर कटघोरा एवं दीपका तहसीलदार और बांकी मोंगरा थाना प्रभारी के साथ जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन के अधिकारी आज भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे तथा आंदोलनकारियों को धरना समाप्त करने का अनुरोध किया। प्रशासन की इस अपील का किसान सभा नेताओं और ग्रामीणों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। निर्माण से पहले उन्होंने सभी प्रभावित किसानों का मुआवजा प्रकरण निपटाने की मांग रखी। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रभावित किसानों के साथ अधिकारियों ने उनके खेतों और पेड़ों का मुआयना किया तथा कल उन्हें एसडीएम कार्यालय में वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा कोयला ढुलाई को आसान बनाने के लिए गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। किसान सभा नेता जवाहरसिंह कंवर, प्रशांत झा और दीपक साहू ने आरोप लगाया है कि कई किसानों को अधिग्रहित जमीन और पेड़ों का मुआवजा नहीं मिला है और ग्रामीण सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाकर थक चुके है। उनका कहना है कि यदि रेल कॉरिडोर का निर्माण हो जाता है, तो फिर उनकी कभी कहीं सुनवाई नहीं होगी। प्रशासन ने ग्रामीणों से वादा किया है कि विवादित जमीन के मुआवजे प्रकरण के निराकरण तक संबंधित जमीन पर निर्माण कार्य रुका रहेगा। विवाद के निपटारे के लिए कल त्रिपक्षीय वार्ता होगी।तीसरे दिन के धरना में शिवरतन सिंह कंवर, मोहपाल सिंह, राय सिंह, सारण सिंह, कवल सिंह कंवर, समान सिंह कंवर, निरतु सिंह, भुवनपाल, टिकैत राम, बुधवार, गंगाराम, रामगोपाल, प्रभुदयाल, ददुलाल, पत्थर सिंह, राम सिंह, सहेत्तर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।