भारत में सुकून आनंद और शांति है: गुरु मां गणिनी आर्यिका,पत्रकार वार्ता में रखी चतुर्मास पर अपनी बात
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । भारत महापुरुषों का देश है यहां संत महात्मा जन्म लेकर भारतीय संस्कृति को ऊंचाई प्रदान किए हैं। भारत में सुकून, आनंद और शांति है वह दुनिया के किसी कोने पर नहीं मिलेगी। पाश्चात्य संस्कृति से हटकर भारतीय संस्कृति में जिएं। उक्त बातें गुरुवार को शाम 4:00 बजे शहर के सदर रोड स्थित जैन भवन में झारखंड से पहुंची गुरु मां गणिनी आर्यिका 105 सौभाग्यवती ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहीं। उन्होंने पत्रकार वार्ता में भारतीय संस्कृति का गुणगान करते हुएआगे कहा कि कोई आदमी विदेश से जब भारत आता है और एयरपोर्ट पर जैसे ही उनकी एंट्री होती है तो अनायास ही उनके मुख से यह शब्द निकल पड़ता है कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा। इसे सोने की चिड़िया भी कहा जाता है। दूसरे देशों की नजर हमेशा भारत पर होती है क्योंकि अच्छी चीजें पर सबकी नजर रहती है। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि नशा जीवन को नाश करने का साधन है। शराब, सिगरेट, बीड़ी पीते नहीं, गुटखा हम खाते नहीं बल्कि वह हमें धीरे-धीरे करके खा जाती है। मादक पदार्थों से दूरी बनाकर रहने में ही समझदारी है। गुरु मां गणिनी आर्यिका ने बताया कि चतुर्मास करने का एकमात्र उद्देश्य लोगों में जागृति लाना है। वर्तमान में बच्चे से लेकर बड़ों तक में मोबाइल का बुखार चढ़ा हुआ है यदि इससे हटकर समय व्यतीत करें और ईश्वर नाम की माला फेरे तो जीवन में परिवर्तन दिखेगा। इससे परिवार के लिए समय भी मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि आज नकल करने की परंपरा तेजी से बढ़ रही है। नायक खलनायक के नकल करते लोग अक्सर दिख जाते हैं यदि नकल करना ही है तो संतो की नकल करो ताकि परमात्मा की सकल देने में वह मदद करेगी। साधु संतों का सानिध्य जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल देती है अच्छे और बुरे संतों की पहचान करने में सबसे सरल माध्यम उनके बात करने की ढंग है जो पहचान करा देती है। लालच अच्छे और बुरे का भेद सामने लाकर रख देती है। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग पर कहा कि वातावरण को शुद्ध रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाने की जरूरत है इससे वातावरण शुद्ध होता है बल्कि प्रकृति की सुंदरता भी बनी रहती है। इस मौके पर उपस्थित सभी पत्रकारों का पेन एवं डायरी भेंट कर सम्मान किया गया तथा प्रमुख रूप से श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति के संरक्षक रमेश पहाड़िया, अध्यक्ष किशोर सिंघई, डॉ राजेंद्र गदिया सहित अनेक लोग उपस्थित थे।