हुंकार रैली पर आदिवासी समाज ने प्रेस कान्फ्रेंस कर किया पलटवार
राजनांदगांव। जिले में आजकल खुज्जी के विधायक छन्नी साहू के पति की गिरफ्तारी को लेकर सियासत गर्म है। पहले विधायक पक्ष ने गांव-गांव में किसान रैली की सूचना देकर हुंकार रैली निकाली,अब इसपर आदिवासी समाज ने पलटवार किया है। बुधवार को राजनांदगांव में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर आदिवासी नेताओं ने विधायक छन्नी से कई कड़े सवाल पूछे हैं। आदिवासी समाज ने पूछा है कि क्या हुंकार रैली आदिवासी समाज के खिलाफ था? आदिवासी नेताओं ने कहा है कि विधायक के कथन अनुसार यदि वे तीन साल से खनन माफिया के खिलाफ लड़ रही हैं तो वे बताएं कि उन्होंने कितने प्रकरण अवैध खनन के दर्ज कराए। यदि प्रकरण दर्ज नहीं कराए तो इसका मतलब साफ है कि अवैध खनन करने वालों से वसूली के लिए सक्रिय रहे। आदिवासी समाज ने कहा है कि विधायक एक अपराधिक कृत्य का राजनीतकरण करने पर तुली हुई हैं। जबिक एकदम साफ है कि 4 दिसंबर 2021 को छुरिया फारेस्ट नाके पर रेत से भरा वाहन खड़ा था। तब विधायक के पति चंदू साहू ने वाहन चालक वीरसिंह गोंड़ के साथ न सिर्फ जातिगत गाली-गलौज की बल्कि जान से मार देने की धमकी भी दी। तब वाहन चालक ने थाने में मामला दर्ज कराया। आदिवासी समाज ने यह भी पूछा है कि यदि विधायक की मंशा सही थी तो फिर एफआईआर के बाद इलाके के डीएसपी का रातोंरात दबादला क्यों करवा दिया गया? आदिवासी समाज ने कहा है कि उन्होंने मामले की सच्चाई जानने के लिए 26 दिसंबर को ग्राम जोब में दोनो पक्षों की बैठक रखी थी। विधायक के पति चंदू साहू गांव में रहते हुए भी बैठक में शामिल नहीं हुए। तब आदिवासी समाज ने बैठक में मौजूद पीड़ित वाहन चालक का पक्ष सुनकर हमने विधायक के पति की गिरफ्तारी के लिए ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा है कि आदिवासी समाज ने तो इसे एक आपराधिक प्रकरण मानकर गिरफ्तारी की मांग की थी। लेकिन साहू समाज के अध्यक्ष आदिवासी समाज को ललकार रहे हैं। आदिवासी नेताओं ने कहा है कि वे वे माफी मांगें, नहीं तो आदिवासी समाज भी कड़े कदम उठाने को मजबूर होगा।