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Chhattisgarh

नवागांव एनीकट से फिर बह रहा बेवजह पानी,8 गेट से लगातार निकल रहे हैं पानी,लापरवाही को भुगतेंगे आम जनता

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“संतोष सोनकर जर्नलिस्ट”

राजिम । जल संसाधन विभाग के देखरेख में लापरवाही के चलते नवागांव एनीकट इन दिनों सुर्खियों में है। इसका मुख्य कारण लगातार पानी बहाना है। वर्तमान में पानी की एक-एक बूंद कीमती है। ऐसे में 8 गेट से बदस्तूर लगातार स्टोरेज पानी फालतू बह रहे हैं। यही स्थिति रही तो चंद दिनों में पूरा पानी बह जाएगा और एनीकट को सुखा होने में तनिक भी देर नहीं लगेगी नतीजा राजिम क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि राजिम माघी पुन्नी मेला के समय गेट को खुला छोड़ देने से लगभग 4 फीट से अधिक पानी बह गया था। लगातार स्थानीय लोगों की मांग करने पर जल संसाधन विभाग गरियाबंद जागा और महाशिवरात्रि के बाद पानी भरा गया। इससे नदी किनारे बसे हुए तकरीबन लाखों की आबादी में खुशी आ गई थी कि एनीकट में पानी भरने से कम से कम वाटर लेवल तो बना रहेगा लेकिन दिन बुधवार को मिल रही जानकारी के आधार पर हमारे संवाददाता ने जैसे ही नवागांव एनीकट के पास गया उन्होंने देखा कि चार जल द्वार से तेज रफ्तार लेकर पानी बह रहा है वहीं चार और जलद्वार से कम मात्रा में पानी बह रहा है इस तरह से आठ गेट से पानी बेवजह निकल रहा है। ढाई फीट पानी देखते ही देखते कम हो गया जबकि पानी की एक-एक बूंद मायने रखती है। अभी गर्मी लग चुका है। अब बोर मशीन से पानी जवाब दे रहे हैं बल्कि रेत बाहर आ रहे हैं इसका कारण और कुछ नहीं है बल्कि एनीकट से पानी का स्तर कम होना है यही स्थिति रही तो दो-चार दिनों में एनीकट सूख जाएगा और पूरी गर्मी में नदी किनारे के लोगों को निस्तारी पानी के लिए भटकना पड़ेगा जिनका मुख्य श्रेय विभागीय कर्मचारी एवं अधिकारियों की उदासीनता को जाता है। उल्लेखनीय है कि जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे राजिम मेला के समय मंच से कहा था कि त्रिवेणी संगम में पानी भरा रहे ऐसी व्यवस्था के लिए आप मुझे बताएं मैं हर संभव प्रयास करूंगा परंतु संगम से लगा हुआ नवागांव एनीकट में पानी को बहाने में लगे हुए गैर जिम्मेदार अफसरों को कौन समझाए कि पानी की कीमत क्या होती है। बताया गया कि गेट को खोलने एवं बंद करने का काम धमतरी जल संसाधन विभाग के देखरेख पर होता है। जबकि इससे गरियाबंद जिला, रायपुर जिला एवं धमतरी जिला के एक बड़ी आबादी निर्भर है। दिनोंदिन एनीकट से कम हो रहे पानी से स्थानीय लोग चिंतित है वहीं अब नहाने के लिए साफ पानी नहीं बल्कि गंदा पानी नसीब हो रहा है। लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, राजिम विधायक अमितेश शुक्ला से शीघ्र बेवजह बहाया जा रहा पानी के 8 गेट को बंद करने की मांग की है तथा ढाई फीट खाली हुए एनीकट को शीघ्र भरने की गुहार लगाई है। ज्ञातव्य हो कि सन 2015 में धमतरी जल संसाधन विभाग की देखरेख में करोड़ों रुपया की राशि बजट में स्वीकृत कर राज्य शासन ने संगम के ऊपर में नवागांव एनीकट का निर्माण किया था इनका मुख्य कारण आसपास के ग्रामों के साथ ही त्रिवेणी संगम में पानी का लेवल बना रहे इसी उद्देश्य को लेकर इनका निर्माण किए थे परंतु हर साल यहां के पानी को बहाने में लगे रहते हैं। बार-बार स्थानीय लोग जल संसाधन विभाग से पानी की मांग करते हैं और विभागीय अफसर ही इस पानी को बहा देते हैं। चौबेबांधा पुल के पास 5 से 7 फीट गहरा पानी होता था अब वहां पर रेत दिखाई दे रहे हैं। अधिकारियों की उदासीनता लोगों की समझ से बाहर है। आखिरकार गेट को खुला क्यों छोड़ा जा रहा है यदि ऐसा ही करना है तो पानी क्यों भरते हैं। बताना होगा कि जब यहां पर नवागांव एनीकेट नहीं बना था तब आसपास के सैकड़ों किसान नदी में सब्जी वाली की खेती करते थे जिससे उन्हें 4 माह का रोजगार मिल जाता था परंतु एनीकेट के बन जाने के बाद वह गर्मी के दिनों में बेरोजगार से हो गए हैं ऐसे में वह नदी के किनारे वाली जमीन पर सब्जी की खेती कर रहे हैं ऐन वक्त पर पानी कम होने के कारण वह फसल भी सूख जाती हैं और किसानों को टोटल नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि सरकार का नौकरशाही तंत्र के ऊपर नियंत्रण नहीं है जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है।

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