गांव की शासकीय जमीन को निजी बता कर खरीदी बिक्री करने व दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीणों ने दो घण्टे किया चक्काजाम

Spread the love


कांकेर। जिला मुख्यालय से महज कुछ ही दूरी में माकड़ी से लगे ग्राम पंचायत माटवाड़ा लाल में शासकीय भूमि को निजी बता बेचे जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। जिसमें ग्रामीणों ने शासकीय भूमि को किसी निजी व्यक्ति को बेचे जाने का पुरजोर विरोध किया जा रहा तो वहीं जिला प्रशासन इस जमीन की रिकार्ड खंगालने में लगी हुई। आज ग्रामीणों द्वारा माकड़ी से भानुप्रतापपुर जाने वाले मार्ग पर चक्का जाम कर धरने पर बैठ गये है और ग्राम पंचायत की शासकीय भूमि को खरीदी बिक्री करने वालों पर उचित कार्यवाही करते हुए भूमि को यथावत रखने की मांग की है।
सूत्रों की माने तो इस जमीन के खरीदी बिक्री मामले में कुछ नेताओं व अधिकारियों के भी नाम सामने आने के कारण यह मामला और भी गर्माने लगा है।
ग्रामीणों की मानें तो माटवाड़ा लाल में करीब 4 एकड़ जमीन जिसमें बकायदा बोधघाट परियोजना के तहत वन विभाग द्वारा पौधा रोपण भी किया गया था जिसे दो से तीन बार खरीदी बिक्री कर दिया गया है।
इस जमीन की खरीदी बिक्री मामले में कुछ नेताओं व अधिकारियों के भी नाम सामने आने के कारण यह मामला और भी गर्माने लगा है। कलेक्टर से लिखित शिकायत के बाद भी जब मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई तो माटवाड़ा लाल के ग्रामीण सड़क की लड़ाई लड़ने बरसते पानी में छाता लेकर सड़क पर उतर आये है और अपनी गांव की जमीन को वापस मांगने अड़े है साथ ही बैनर के माध्यम से जंगल बचाओ जमीन दलालों को जेल भेजो के नारे लगाने लगे। चक्का जाम की सूचना जिला प्रशासन को पहले ही थी क्योंकि ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के समक्ष यह मांग रखी थी कि यदि दोषियों पर उचित कार्यवाही नहीं हुई तो चक्का जाम किया जाएगा जिसकी जवाबदेही शासन प्रशासन की होगी। फिलहाल मामले को सुलझाने जिला प्रशासन भी मुस्तैदी से लगे हुए है इस मामले पर बात करने एसडीएसम कल्पना ध्रुव को मौके पर ग्रामीणों को समझाने जिला प्रशासन की ओर से भेजा गया था पर ग्रामीणों ने अपनी मांगों पर जिला प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराते हुए नारेबाजी शुरू कर दी जिसके बाद एसडीएम के समझाईश के बाद लगभग दो घण्टे बाद चक्काजाम हट पाया।
“नरेश कुमार की रिपोर्ट”

Leave a Reply

Your email address will not be published.