महिला समूह ने बनाई धान,चावल और बांस की राखियां, बहनों को लुभा रही
रायपुर। प्रतिवर्ष भादों मास में मनाया जाने वाला भाई बहन का प्यार व स्नेह का त्यौहार रक्षा बंधन इस वर्ष 22 अगस्त को मनाया जाएगा। प्रदेश में राजधानी सहित सभी जिलों में लगभग राखिया की स्टॉल सज चुकी है। इस बार महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा लगाए गए राखियों के स्टॉल में छत्तीसगढ़ संस्कृति की झलक दिखाई दे रही है। समूह की दीदियों द्वारा बनाई गई राखियों में बांस, धान और चावल से बनी राखियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। लोगों को ये राखिया खुब भा रही है,जिसके चलते इसकी बिक्री भी अच्छी हो रही है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के माध्यम से स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने अपनी आर्थिक सुदृढ़ता का रास्ता तैयार कर लिया है। इसके माध्यम से समूह की महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है, अपितु उनमें स्वावलंबन की दिशा में भी उन्होंने कदम बढ़ा दिया है। बिलासपुर में जिला पंचायत भवन के मुख्य द्वार पर बूढ़ी माई स्व सहायता समूह धौरामुड़ा एवं जय माँ संतोषी समूह पेण्ड्रीडीह की दीदियों ने राखियों का स्टॉल लगाया है। स्टॉल में 10 रुपये से लेकर 60 रुपये तक की राखियां हैं।
संजय चौबे