अडानी को सौंपने फिर 15 कोयला खदानों की होगी नीलामी
रायपुर। मोदी सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने एक बार फिर से कोयला खदानों की नीलामी शुरू कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि अपने पूंजीपति मित्र को फायदा पहुंचाने मोदी सरकार ने निजी कमर्शियल यूज के लिए कोयला खदानों की खुली नीलामी के लिए सूचना जारी की है। जिसके तहत 29 नवंबर के बीच इलेक्ट्रिक ऑक्शन किया जायेगा। केंद्र सरकार देश में जिन 41 खदानों की नीलामी करने जा रही है उनमें से 15 खदानें छत्तीसगढ़ की है। राज्य की यह 15 खदानें प्रदेश के घने वन क्षेत्रों की है तथा इन खदानों को शुरू करने के लिए वन क्षेत्रों के लाखों पेड़ काटने पड़ेंगे।
रायगढ़ जिले में जो 4 कोल ब्लॉक नीलाम किए जा रहे हैं वह लेमरू एलीफेंट रिजर्व का क्षेत्र है, रेलवे लाइन के नजदीक है, सूची में शामिल दो खदानें धरमजयगढ़ क्षेत्र की हैं जो हाथी प्रभावित क्षेत्र में आते हैं। यह सरकार लेमरू एलीफेंट रिजर्व के भीतर ही दो-दो माइंस डेवलप करना चाहती है, अभी भी इस क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही है।
बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधनों को लूटने की होड़ मच गई है। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से पहले ही हसदेव अरण्य के जंगल काटे गए, रायगढ़ जिले के तमनार में वन अधिकार अधिनियम के तहत आवंटित पट्टे की भूमि में हरे-भरे जंगल काट कर खदान अडानी को सौंप दिया गया। बीजापुर में कोरंडम खदान के लिए बिना पर्यावरण अनुमति के जंगल काट दिए गए, बैलाडीला में तीन खदान सहित कांकेर जिले में आयरन ओर की खदाने बेचें, अब सेंट्रल इंडिया का फेफड़ा कहलाने वाले हसदेव अरण्य और तमोर पिगला के कोरबा, रायगढ़ क्षेत्र में 15 नई कोयला खदानें निजी पूंजीपति को सौंपने जा रही है यह सरकार।

