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एनएसयूआई के विधानसभा के नेतृत्व में शहीद महेंद्र कर्मा विश्व विद्यालय का घेराव कर छात्रों ने जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा की मांग की

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“सुभाष रतनपाल जर्नलिस्ट”

जगदलपुर। जगदलपुर जिले के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य सिंह बिसेन के दिशा निर्देश पे बस्तर जिला एनएसयूआई के विधानसभा अध्यक्ष विशाल खंबारी के नेतृत्व में शहीद महेंद्र कर्मा विश्व विद्यालय का घेराव कर जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा की मांग की, एनएसयूआई छत्तीसगढ़ शहीद महेंद्र कर्मा विश्व विद्यालय में व्याप्त अनिमित्ताओं से असंतुष्ठ है और वि. वि प्रबंधन की छात्र हित विरोधी गतिविधियों से आक्रोशित है वि वि परीक्षा के संबंध में मनमाने निर्णय लेता है और वो महामारी के दौर में छात्रों को ऑफलाइन परीक्षा के लिए बाध्य करके उनके स्वस्थ एवं जीवन से खिलवाड़ कर रहा है जबकि सेमेस्टर परीक्षाओं की तरह से वार्षिक परीक्षाएं भी ऑनलाइन ली जा सकती हैं एनएसयूआई की यही मांग है।ऑनलाइन परीक्षा में वि वि के खर्चे भी बचते है और छात्रों से काम फीस भी ली जा सकती थी ट्राइबल एरिया में राज्य शासन की सहृदयता के विरुद्ध वि वि का रवय्या छात्रों के अनुकूल नहीं है। वि वि में आए दिन परीक्षा संबंधी धंधलिया होती है जिनमे वि वि प्रबंधन की मिलीभगत है और वो निष्पक्ष और विधिसम्मत जांच भी नही करता इस संबंध में एनएसयूआई जिला बस्तर ने जो ज्ञापन दिया था उसपर वि वि के कानो में जूं तक नहीं रेंगी एनएसयूआई छत्तीसगढ़ इस संबंध में गंभीर है वि वि को बिना मूल्यांकन केजिंग में नंबर भरने वाले मूल्यांकनकर्ता को दंडित करना ही होगा। स्थानीय महाविद्यालय में पूरक उत्तरपुस्तिका बिक्री कांड की निर्विवाद जांच करवानी पड़ेगी इसके अतिरिक्त एंथोपोलॉजी के पर्चा लीक कांड में पेपर सेटर के अतिरिक्त अन्य सभी संबंधित पक्षों की भी जांच करनी होगी जिसमे प्रिंटिंग प्रेस में पेपर पहुंचाने वाले कुलसचिव को जांच के दायरे में लेना होगा, प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी और विश्वविद्यालय में उस प्रश्न पत्र को स्कैन करने वाले कर्मचारी अधिकारियों को भी जांच में सम्मिलित किया जाए, यह उचित नहीं लगता की पेपर सेटर अपने 25 विद्यार्थियों को स्वयं पेपर डिक्टेट करने के बजाए अपनी हस्तलिपि में उसे बाजार में 10 हजार में बिक्री करे इसलिए समाचार पत्रिका के माध्यम से इस कांड के उजागर करने वाले पत्रकार महोदय की गवाही भी आवश्यक है। वि वि में मूल्यांकन प्रणाली सही नही हैं जिसके कारण से मेरिट का निर्धारण मूल्यांकन कर्ता की मनमर्जी पर आधारित होता है ये आश्चर्य का विषय है की पेपर सेटर अंतरिक मूल्यांकन कर्ता भी है और बाह्य परीक्षक भी है जिसके कारण से उसे अपने विद्यार्थियों की मेरिट बढ़ाने का अनुचित मौका मिलता है जबकि दूसरे केंद्रों के विद्यार्थी पिछड़ जाते हैं इसलिए एनएसयूआई छत्तीसगढ़ मूल्यांकन प्रणाली में संशोधन चाहती है जिसके अंतर्गत अंतरिक परीक्षक उसी परीक्षा का बाह्य परीक्षक नही रह सकता।
वि वि मूल्यांकन कर्ताओं को प्रायोगिक परीक्षा और कॉपियां जांचने के बदले में लाखों रुपए का भुगतान करता है किंतु श्रोत पर न्यूनतम 10% आयकर कटौती भी नही करता वि वि को यह जानकारी भी नही है को ऐसे मूल्यांकन कर्ता वि वि से प्राप्त पर्याश्रमिक पर अपने कॉलेज के माध्यम से आयकर कटौती करवाते भी हैं या नहीं, एनएसयूआई छत्तीसगढ़ वि वि से मांग करती है को वि वि खुलने की तिथि से आयकर कटौतियों की पुष्टि करे अन्यथा एनएसयूआई छत्तीसगढ़ विधिसम्मत कार्यवाही करेगी। एनएसयूआई छत्तीसगढ़ बस्तर संभाग के समस्त परीक्षार्थियों की असुविधा और पीड़ा को समझती है इसलिए वि वि वार्षिक ऑनलाइन परीक्षा की तत्काल घोषणा करे, ऑफलाइन परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों का शोषण बंद करे, इसके अतिरिक्त परीक्षा धांधलियों सहीं मूल्यांकन और आयकर संबंधी हमारी मांगों को तत्काल पूरा करे अन्यथा एनएसयूआई राज भवन तक पैदल मार्च कर आंदोलन करेगी।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश महासचिव ज्योति राव,पूर्व प्रदेश संयुक्त सचिव अरुण गुप्ता,पूर्व कार्यकारी जिला अध्यक्ष मनोहर सेठिया,पूर्व कार्यकारी जिला अध्यक्ष अंकित सिंह, पूर्व प्रवक्ता उस्मान रजा,पूर्व प्रदेश संयुक्त सचिव माज लीला,जगदलपुर ब्लॉक अध्यक्ष फैसल नवी,जिला महासचिव जश्केतन जोशी, जिला महासचिव पंकज केवट, जिला महासचिव नूरेंद्र राज साहू,पूर्व प्रदेश सचिव आसिफ अली,एनएसयूआई स्कूल यूनिट के लोकेश चौधरी, कारण बजाज, हर्ष साहू एवं सैकड़ों छात्र छात्राएं मौजूद थे।

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