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गोबर-माटी को बोरी में भरकर हजार रुपए क्विंटल में बेच, किसानों को लूट रही है भूपेश सरकारः बृजमोहन

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रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने किसानों को हजार रुपए प्रति क्विंटल वर्मी कम्पोज्ड खाद जबरिया खरीदने को बाध्य करने व उसकी गुणवत्ता पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि यह असंवैधानिक है। यह राज्य सरकार की किसानों से लूट है। उन्होंने कहा कि हिन्दी स्कूलों के बच्चों के भविष्य पर दांव लगाकर अंग्रेजी स्कूल खोलना अन्याय है। अपने प्रदेश के दौरे पर राज्य से अपनी जमीन खिसकती देख मुख्यमंत्री बौखला गए हैं।
श्री अग्रवाल आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्मी खाद के नाम पर किसानों का शोषण हो रहा है, लूटमार की जा रही है, अत्याचार किया जा रहा है। यूरिया 260 रुपए में मिल रही है, फिर मिट्टी युक्त गोबर 1 हजार रुपए में खरीदने की बाध्यता क्यों। ये कोई नियम में नहीं है, कानून में नहीं है, ये संविधान के विरुद्ध है। आप किसी को मजबूर करें कि आपको 1 हजार में वर्मी कम्पोस्ड खरीदना होगा। उन्होंने कहा कि जिस वर्मी कम्पोस्ड को खरीदने की बाध्य कर रहे हैं, वो वर्मी कपोस्ड की किसी भी लेब में जांच नहीं हुई है। उसको सर्टीफाइड नहीं किया गया है। ऐसी खाद को खरीदने की बाध्यता किसानों के साथ अन्याय है अत्याचार है, लूट है। हम किसानों को कहेंगे कि आप खुल कर विरोध करें और सरकार को कहेंगे कि यह लूट बंद करें। भारतीय जनता पार्टी आने वाले समय में इस मुद्दे पर बहुत बड़ा आंदोलन करेगी।
श्री अग्रवाल ने कहा कि किसानों से मुख्यमंत्री कहते हैं कि खाद खरीदने की कोई बाध्यता नहीं है। दूसरी तरफ सोसायटियों को आदेश दिया जाता है कि हर किसान को प्रति एकड़ तीन बोरी खाद खरीदने की बाध्यता है। उन्होंने सवाल किया कि जरा सरकार बताए कि वो वर्मी है, कम्पोस्ड है या गोबर खाद है और कौन सी लैब में सर्टीफाइड किया गया है। क्या अमानक खाद पायी जाती है, तो जो सरकार खरीदने की बाध्यता कर रही है क्या मुख्यमंत्री के खिलाफ जुर्म दर्ज करेंगे। क्या कृषि मंत्री के खिलाफ जुर्म दर्ज करेंगे। क्या सहकारिता मंत्री के खिलाफ जुर्म दर्ज करेंगे क्यों कि खाद सोसायटियों से बेची जा रही है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि 2 रुपए में गोबर खरीदी की जा रही है। प्राइवेट बाजार में वर्मी कम्पोस्ड और कम्पोस्ड खाद 3 से 5 रुपए प्रति किलो में उपलब्ध है। वहीं केन्द्र की सरकार यूरिया और बाकी खादों में सब्सीडी दे रही है लेकिन राज्य सरकार 2 रुपए में गोबर खरीद कर 10 रुपए में खाद बेचे तो यह मुनाफाखोरी है। जो किसानों के प्रति अन्याय है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य में 35 लाख बच्चे हैं यह सरकार उन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। 1 लाख बच्चों के लिए अंग्रेजी स्कूल खोलकर, हिन्दी स्कूल के शिक्षकों को हटाया जा रहा है। हिन्दी स्कूल बंद किये जा रहे हैं। अंग्रेजी स्कूल खोलें लेकिन उसके लिए इंफ्रास्ट्रक्टर बनायें शिक्षक भर्ती करें इसका हम स्वागत करेंगे। परंतु हिन्दी स्कूल के बच्चों के भविष्य को दांव पर लगा कर अपनी पीठ थपथपा रही है। आखिर अंग्रेजी स्कूलों में कितने बच्चे पढ़ेंगे। आपकी चला चली की बेला आ गई अभी तक शिक्षकों की भर्ती का कोई प्रोग्राम नहीं बना पाएं हैं। हिन्दी स्कूलों के शिक्षकों का ट्रांस्फर किया जा रहा है।
श्री अग्रवाल ने वीडियो पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर पलटवार करते हुए कहा कि हमने जो वीडियो जारी किया है जिस पर हमने आपत्ति की है, उस पर मुख्यमंत्री अपनी गलती स्वीकार की है। यह तो एक वीडियो है, हमारी जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने ऐसा व्यवहार 10 से ज्यादा जगहों पर किया है। मुख्यमंत्री अपनी असफलता को छिपाने के लिए और ब्यूरोक्रेसी की साढ़े तीन साल की मनमानी को छिपाने के लिए ऐसा व्यवहार कर रहे हैं। अपनी जमीन खिसकती अपने आँखों से देखने के कारण उनकी बौखलाहट सामने आ रही है। ये बौखलाहट दिखाती है कि इस सरकार के जाने का समय हो गया है।

(मीडिया प्रभारी)

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