सात महीने में चौड़ा नहीं कर पाए 13 किलोमीटर सड़क, अभी है यह हाल
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । राजिम से पोखरा के बीच 13 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण का काम गत 7 माह से जारी है लेकिन काम की रफ्तार इतनी धीमी है कि यह अभी आधा भी नहीं बन पाया है। ऊपर से लोक निर्माण विभाग उप संभाग के अधिकारियों की लापरवाही इतनी है कि भरी बरसात में सड़क को भरने के लिए मुरूम की जगह पर मिट्टी डाल दिया गया है इसके बाद स्थिति यह हो गई है कि मिट्टी बारिश में बहने लगी और वहां किसी वाहन के चलने की बात तो दूर उसमें पैदल भी निकलना संभव नहीं हो पा रहा है। सड़क पर सभी ओर कीचड़ ही कीचड़ हो गया है जगह-जगह गड्ढे होने से पानी भर गया है लोग वाहन तो क्या पैदल भी नहीं चल पा रहे हैं। इसके किनारे बसे ग्रामों में पानी बहाव हेतु नालियों का निर्माण किया जाना है यह काम भी समय पर बारिश से पहले पूरा नहीं किया जा सका है जिससे सड़क ऊपर होने से कई लोगों के घरों में पानी भर गया है इसी तरह ग्राम रावड़ के बाजार चौक में तालाब की तरह पानी भर गया है।
लोक निर्माण विभाग के अफसर ने जताई बेबसी कहा ठेकेदार नहीं सुनता
लोक निर्माण विभाग उप संभाग राजिम के एसडीओ ए सिंह ने कहा कि ठेकेदार हमारी बात नहीं सुनता। वह उच्च अधिकारियों और ऊपर से मधुर संबंध होना बताकर काम में ढिलाई बरत रहा है और अपनी मनमानी पर उतर आया है। वह इस बात को महसूस करते हैं कि बरसात पूर्व पुल पुलिया का काम पूरा हो जाना था।
केवल सुपरवाइजर करा रहा काम निरीक्षण करने भी नहीं जाते हैं अधिकारी
मिलीभगत इतनी है कि लोक निर्माण विभाग के कोई अधिकारी निर्माण स्थल पर नहीं जाते हैं और ठेकेदार अपनी मर्जी से काम करता है। ठेकेदार के सुपरवाइजर ही मौके पर दिखता है सड़कों की लागत तकरीबन 19 करोड़ रुपए हैं। जनता के करोड़ों रुपया खर्च कर मनमानी करते हुए लोगों की परेशानी को बढ़ाकर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। ऊपर से लोक निर्माण विभाग के स्थानीय अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। करोड़ों की यह सड़क इस हाल में कितनी गुणवत्ता वाली बनेगी इसका अनुमान ही लगाया जा सकता है जबकि 13 किलोमीटर की सड़क में 18 पुल पुलिया नालों का बनना है। ऊपर से स्लेब नहीं डालने के कारण लोगों का आना जाना बंद हो गया है। इसके नीचे गड्ढे में पानी भरा हुआ है ऊपर से सड़क में कीचड़ और दलदल है इन मार्गो में पितईबंद, बकली, रावड़, परसदा जोशी इत्यादि ग्रामों के लोग रोजाना राजिम और नवापारा शहर सामान खरीदने सहित अन्य कार्यों से प्रतिदिन आते जाते हैं। स्कूली बच्चे भी पढ़ाई करने कॉलेज और स्कूल कोचिंग सेंटर भी आते हैं। किसान धान बेचने मंडी लाते हैं। अर्थात 24 घंटे आना जाना लगा रहता है। अब भरी बरसात में किस रास्ते से यहां के ग्रामीण आना-जाना करें यह चिंता का विषय बना हुआ है।
कलेक्टर के निर्देश का नहीं हुआ पालन
उल्लेखनीय है कि बरसात अभी ठीक से प्रारंभ नहीं हुआ है मात्र एक दो दिन के ही बारिश से इस तरह की भयावह स्थिति बनी हुई है अभी सावन की झड़ी बाकी है। मौसम विभाग ने भी इस वर्ष अधिक बारिश होने की चेतावनी दे दी है ऐसी स्थिति में लोग आने वाली समस्याओं से कैसे निपटें। इस बात को लेकर बेहद चिंतित दिखाई दे रहे हैं जबकि जिलाधीश ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि बरसात के पहले सड़कों में बनने वाले नाले पर पुल पुलिया का काम पूर्ण कर लिया जाना चाहिए साथ ही मिट्टी मुरूम ऊपर गिट्टी डाला जाना चाहिए जिससे लोगों को आने जाने में परेशानियां ना उठानी पड़े। लगता है जिलाधीश के इस निर्देश का लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार पर कोई असर नहीं पड़ा।
कांग्रेस अध्यक्ष कर चुके मंत्रियों व विधायकों से शिकायत
कांग्रेस जिला अध्यक्ष भावसिंह साहू ने कहा कि ग्रामीणों ने शिकायत की है। स्वयं मौके पर जाकर देखा है सड़क का निर्माण गुणवत्ताहीन है और समय पर पूरा नहीं किया जा रहा है इन सभी बातों को लेकर वह लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू, गरियाबंद जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत एवं विधायक अमितेश शुक्ला को शिकायत की है।
ग्रामीणों ने कहा अब तो काम ही बंद
रावड़ के किसान नेता नारायण साहू, बकली के ओमप्रकाश साहू, जग्गू यादव ने बताया कि सड़क पर मिट्टी डालने से जगह-जगह पानी भरा हुआ है पुल पुलिया के ऊपर स्लैब नहीं डालने से और इसकी नीचे पानी भरे होने से आना जाना बंद हो गया है। रावड़, परसदा जोशी, पोखरा इन ग्रामों के सड़क किनारे दोनों ओर पानी के बहाव हेतु नालियों का निर्माण किया जाना है लेकिन अब तक नहीं किया गया है। बरसात पूर्व यह काम हो जाना था अब बारिश का हवाला देकर काम ही बंद कर दिया गया है और लोगों को इस समस्याओं के बीच रहना पड़ रहा है।