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छत्तीसगढ़ राज्य दिव्यांगजन कल्याण और पुनर्वास नीति पर कार्यशाला

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रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग और यूनिसेफ के विशेष सहयोग से रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य दिव्यांगजन कल्याण एवं पुनर्वास नीति 2025 के ड्राफ्ट को और सशक्त बनाने महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन करेगा। यह कार्यशाला महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न होगी। कार्यशाला का उद्देश्य है कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत प्रदेश के दिव्यांगजनों के लिए एक व्यापक और समावेशी नीति को अंतिम रूप देना है।
दिव्यागजन अधिकार अधिनियम, 2016 एक ऐतिहासिक कानून है जो दिव्यांगता को दया के बजाय अधिकार के विषय के रूप में स्थापित करता है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य दिव्यांगजन कल्याण एवं पुनर्वास नीति 2025 का एक व्यापक ड्राफ्ट तैयार किया गया है। ड्राफ्ट को और अधिक सशक्त एवं समावेशी बनाने के लिए यह कार्यशाला यूनिसेफ के विशेष सहयोग से आयोजित की जा रही है।
यह कार्यशाला हमारे बिना, हमारे बारे में कुछ भी नहीं के मार्गदर्शी सिद्धांत पर आधारित होगी। इसका मुख्य उद्देश्य नीति को अंतिम रूप देने से पहले प्रमुख हितधारकों, विभिन्न संबंधित विभागों और राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों से अमूल्य सुझाव एवं व्यावहारिक फीडबैंक प्राप्त करना है। इस महत्वपूर्ण विमर्श को तकनीकी और विशेषज्ञ राय प्रदान करने के लिए देश के जाने-माने विशेषज्ञ शामिल होंगे। इनमें राजीव रतूड़ी (राजीव रतूड़ी बनाम भारत संघ के ऐतिहासिक मामले में मुख्य याचिकाकर्ता एवं डिसेबिलिटी राइट्स प्रमोशन इंटरनेशनल के एशिया पेसिफिक क्षेत्रीय अधिकारी), समीर घोष (समावेश सलाहकार, विश्व बैंक), अखिल पॉल (मुख्य संरक्षक, सेंस इंटरनेशनल इंडिया) और यूनिसेफ की विशेषज्ञ सुश्री अलका मल्होत्रा प्रमुख हैं।
नीति-निर्माण में समग्र शासन दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए कार्यशाला में राज्य शासन के विभिन्न प्रमुख विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। कार्यशाला में गृह (पुलिस), पंचायत एवं ग्रामीण विकास, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण, जनसंपर्क एवं पर्यटन, सामान्य प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वित्त, वाणिज्य एवं उद्योग, परिवहन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, महिला एवं बाल विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, श्रम, खेल एवं युवा कल्याण और ग्रामोद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

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