आरती ने कमल क्षेत्र की शानदार उकेरी रंगोली
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। भगवान राजीवलोचन मंदिर प्रांगण पर आरती ने कमलक्षेत्र की ऐसी रंगोली उकेरी कि लोग इनकी कलाकृति को देखकर मुरीद हो गए। इस बालिका ने सबसे पहले बॉर्डर तैयार किया उसके बाद कमल फूल की आकृति बनाकर उन्हें लाल रंग दिया। पश्चात भोलेनाथ के त्रिशूल को स्थान दिया। इन्हीं के मध्य में शंख की प्रतिकृति बनाई। बेजोड़ उदाहरण प्रस्तुत करते हुए रंगोली के माध्यम से बताया कि राजिम का प्राचीन नाम कमल क्षेत्र है। धर्म ग्रंथों में बताया जाता है कि एक कमल पुष्प गोलोक से धरती पर गिरा और पांच कोस भूमि को व्याप्त कर लिया जिनके ऊपर भगवान राजीवलोचन विराजमान है जिस तरह से शंख के ऊपर द्वारकापुरी तथा त्रिशूल की नोक पर काशीपुरी की रचना हुई है उसी तरह से कमल पुष्प पर राजिम वर्तमान है। इन्हें हरि और हर की भूमि भी कहा जाता है तट पर विष्णु जी भगवान राजीवलोचन के रूप में विराजमान है तो संगम के मध्य में भोलेनाथ कुलेश्वर नाथ महादेव के रूप में साक्षात है। आरती विभिन्न अवसरों पर अलग-अलग प्रकार के रंगोली उकरने में माहिर है। पिछले साल इन्होंने प्राचीन रामचंद्र देवल मंदिर में शानदार रंगोली बनाई थी परंतु इस बार के नवरात्र पर्व में उन्होंने कमल क्षेत्र की रंगोली बनाकर शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है। आने जाने वाले श्रद्धालु एक नजर इनके रंगोली पर जरुर डालते और भूरी भूरी प्रशंसा भी करते देखे गए।