अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ नहीं आते: पंडित देवेंद्र तिवारी
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। लोहरसी में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पांचवे दिन कृष्ण बाल लीला का वर्णन करते हुए भागवताचार्य पंडित देवेंद्र तिवारी ने कहा कि लक्ष्य को पूरा करने के लिए श्रम लगातार होनी चाहिए। अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते। परिस्थितियों का सामना करने वाला ही सही मायने में अनुभवी होता है। उन्होंने कालिया मर्दन कथा सुनाते हुए कहा कि कालिया नाग यमुना को अपना निवास बना लिया था उनके द्वारा छोड़े गए जहर से यमुना का पानी जहरीला हो गया था लोग उनके आसपास जाने से भी भय खाते थे। एक दिन अचानक बालक कृष्णा बाल सखाओं के साथ खेलते हुए यमुना नदी के पास चले आए और उनकी गेंद यमुना में सीधे जाकर डूब गए। इससे बाल सखा कृष्ण से झगड़ने लगे कि हमें वही बाल चाहिए। इस पर कृष्ण तुरंत एक पेड़ पर चढ़ जाते हैं और वहां से छलांग लगाकर सीधे कालिया नाग के पास चले गए उनकी पत्नियां सेवा कर रही थी उन्होंने कहा कि यमुना को छोड़कर चले जाइए परंतु कालिया नहीं माने और कृष्ण के साथ लड़ाई करने लगे अंततः कालिया निस्तेज हो गया। कृष्ण के प्रयास से ही उन्हें यमुना को छोड़कर अन्यत्र जाना पड़ा। गेंद तो मात्र एक बहाना था उन्हें कालिया के अहंकार को खत्म करना था वैसे भी क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। व्यक्ति को सफलता प्राप्त करना है तो क्रोध को त्यागना जरूरी है क्योंकि क्रोध शरीर को कमजोर बना देता है शांत हृदय जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाता है। उन्होंने गोवर्धन पर्वत की कथा कहते हुए बताया कि पुरवासी इंद्रदेव की पूजन करते थे इस पर एक दिन बालक श्रीकृष्ण ने कहा कि हमें प्रकृति पूजा करना चाहिए इसके लिए गोवर्धन पूजा का निश्चय किया। गांव वाले घबरा रहे थे लेकिन कृष्ण के बार-बार कहने से वह भी तैयार हो गए और गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना करने लगे इससे इंद्र रुष्ट हो गए और अपना क्रोध दिखाना शुरू कर दिए। तब कृष्णा ने गोवर्धन पर्वत को ही उठाकर लोगों की सुरक्षा की। उसके बाद से गोवर्धन पूजा की परंपरा शुरू हो गई। आज भी हम दीपावली के समय गोवर्धन पूजा करते हैं वैसे भी गोधन सबसे बड़ा धन है।गाय के गोबर का उपयोग हमारे लिए अत्यंत फायदेमंद है। आजकल तो सरकार भी इनके फायदे आम जनता को बता रहे हैं। गाय पालन से समाज में शांति का आलम बना रहता है तथा बीमारियों सभी सुरक्षा मिलती है। उन्होंने कई उदाहरण देकर ज्ञानवर्धक अनेक बातें बताई। पंडित तिवारी ने माखन चोरी प्रसंग पर कहा कि कृष्ण का माखन चोरी करना तो एक बहाना था असल में सखियों की चित को चुराना था। श्री कृष्ण के 16108 रानियां होने के बावजूद उन्हें योगेश्वर की संज्ञा दी गई है। इस मौके पर कालिया मर्दन की झांकी दिखाई गई तथा गोबर धन की पूजा अर्चना कर गोबर के टीके लगाए गए। गायक पवन कुमार के द्वारा अनेक धार्मिक गीत प्रस्तुत किए गए जिन्हें सुनकर श्रद्धालु गन ताली बजाकर झूमने लगे।राहस नृत्य की छोटी-छोटी बच्चियों ने शानदार प्रस्तुति दी। डंडे लेकर डांडिया करते हुए इन्हें देख कर बड़े भी अपने आप को रोक नहीं पाए और महिला पुरुष सभी लोग झूमने लगे। इस मौके पर प्रमुख रूप से अनीता साहू, नंदकुमार साहू, सुनील, कोमल, चंद्रशेखर साहू, अमरिका पटेल, युगल पटेल, लीला राम साहू, साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालु गण उपस्थित थे।