क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु: भूषण कुंजेराज्य स्तरीय रामायण सम्मेलन के प्रथम दिन चौबेबांधा में विभिन्न प्रसंगों पर की व्याख्या

Spread the love

राजिम। सात कांड में वर्णित रामचरित्र मानस में बालकांड जीवन की सच्चाई को उजागर करती है। एक और सती के द्वारा अपने आपको योगाग्नि में भस्म करना होता है। दूसरी ओर मां पार्वती राजा हिमांचल रानी मैना के घर जन्म लेते हैं अर्थात् सृष्टि में जन्म और मृत्यु जीवन के दो पहलू है यह मृत्युलोक है जो आया है उसको जाना ही पड़ता है चाहे वह राजा हो या फिर रंक। उक्त बातें शहर से लगा हुआ गांव चौबे बांधा में चल रहे राज्यस्तरीय रामायण सम्मेलन के प्रथम दिन सुर संजना मानस परिवार मकेश्वर वार्ड धमतरी के व्याख्याकार जागृति पटेल ने कहा। उन्होंने राम जन्म प्रसंग पर कहा कि राम का जन्म ही सुख का मूल है भक्तगण उन्हें बुलाने के लिए जन्म लेने की बात कही तो जन्म लिया अवतार लेने की बात कही तो अवतार लिया भगवान भक्तों के पुकार के अनुसार ही उपस्थित होते हैं। जय मार्या संस्कार बालिका मानस परिवार राजपुर के टीकाकार पल्लवी सिंहा ने कहा कि वर्ष में चार नवरात्र पर्व आते हैं जिनमें से दो जागृत नवरात्र चैत एवं कुंवार माह में आता है। जब-जब देवी मां की आराधना हुई है तब तब सृष्टि में कोई बदलाव हुआ है। कुंवार माह में 9 दिनों तक देवी की सेवा करते हैं और दसवें दिन आतातायी रावण का वध होता है। चैत्र माह में नौ दिनों तक देवी की सेवा करने के बाद नवमें दिन ही राम का जन्म होता है। राम का जन्म सृष्टि के लिए सुख का मूलक है। पुष्पांजलि मानस परिवार नगर पंचायत कूंरा रायपुर के भगवती प्रसाद साहू ने बताया कि आज हम अपने संस्कृति से भटक गए हैं हमारी संस्कृति रामकृष्ण एवं ऋषि मुनियों की है हमें जानना होगा की इनके बताए हुए मार्ग पर चलकर जीवन को सुरक्षित रखें। हम अपने बच्चे का नाम आजकल कुछ भी रख देते हैं जबकि भगवान के नाम पर रखने से ईश्वर नाम रटने का अवसर मिलता है। श्री डालेश्वरी मानस परिवार नरतोरी महासमुंद के दीपक कुमार मिश्रा ने बताया कि राम कथा आयोजन में एक-एक पग उठाना भी पुण्य का प्रतिभागी बनने के बराबर है ईश्वर ने 84 लाख योनी ग्रंथों के अनुसार निर्धारित की है। मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए सत्य का आचरण बहुत जरूरी है सत्य से ही भगवान मिलते हैं। घर परिवार में अच्छा माहौल क्रिएट करें ताकि आने वाला भविष्य गलत दिशा में ना जाएं बड़े यदि अच्छा सोच रखें तो छोटे को बताने की जरूरत नहीं है वह खुद सही रास्ते पर चलेंगे। मोंगरा मानस परिवार बजरंगपुर की व्याख्या कार सीमा साहू ने कहा कि वर्तमान में रामायण के विभिन्न स्थानों पर आयोजन होना लोगों को सीधे धर्म से जोड़ने का काम कर रही है धर्म अनुशासन सिखाती है। जय किरण मानस परिवार पाली फिंगेश्वर व्याख्याकार भूषण कुंजे ने सुंदरकांड पर चर्चा करते हुए कहा कि क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। इससे बचना बहुत जरूरी है वर्तमान में हम सहजता एवं शांति को नहीं परोस रहे हैं नतीजा हमारे पीढ़ी दिशाहीन होते जा रहा है। उन्होंने कहा कि हनुमान के ऊपर अनेक बार आक्रमण हुए परंतु उन्होंने क्रोध से नहीं बल्कि प्रेम से शत्रुओं से विजय प्राप्त की। जय भोले मानस परिवार पारागांव के द्वारा प्रस्तुत धार्मिक भजनों में लोग झूमते रहे। प्रत्येक मंच से मानस मंडली को मंच से ही सम्मानित किया जा रहा है। यहां आस-पास के गांव सिंधौरी, राजिम, नवापारा, पथर्रा, नवाडीह नवागांव, बुडेनी, भेन्डरी आदि गांव से बड़ी संख्या में रोता गंज पहुंचे हुए थे जिन्होंने राम रस का घंटों बैठकर पान किया कार्यक्रम का संचालन संतोष कुमार सोनकर एवं गोविंद पाल ने किया।

“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

Leave a Reply

Your email address will not be published.