सवाल पुछने से नाराज शिक्षिका ने प्रैक्टीकल परीक्षा में कर दिया फेल, 68 प्रतिशत अंक लाने के बाद भी छात्रा सप्लीमेंट्री
बिलासपुर । जिले में एक शिक्षिका ने छात्रा के सवाल पुछे जाने से नाराज होकर उसे प्रायोगिक परीक्षा में एबसेंट कर दिया। 10वीं की छात्रा ने 68 प्रतिशत अंक हासिल प्रथम श्रेणी में जगह बनाई है, इसके बावजूद वह सप्लीमेंट्री आ गई। छात्रा ने रतनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने आवेदन दिया है।
यह पूरा मामला कोटा विकासखंड के शासकीक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चपोरा का है। गणित की शिक्षिका से सवाल करना 10वीं की छात्रा को महंगा पड़ा गया। ग्राम सेमरा निवासी जयंती साहू के भविष्य के साथ शिक्षिका ने खिलवाड़ किया है। जयंती के पिता गुलाब साहू खुद भी शासकीय हाई स्कूल बछालीखुर्द में व्याख्यता और प्रभारी प्राचार्य हैं। जयंती ने इस वर्ष 10वीं की परीक्षा दी है। बोर्ड परीक्षा के परिणाम आए तो उसे 68 फीसदी नंबर मिले, लेकिन एक प्रैक्टिकल पेपर में अनुपस्थिति दर्ज होने की वजह से उसे पूरक (सेप्लीमेंट्री) दिया गया है। 14 मई को जैसे ही छात्रा ने अपना रिजल्ट देखा तो उसके होश उड़ गए। उसने परिजनों को बताया कि वह सभी विषयों की प्रायोगिक परीक्षा दी है। इसके बावजूद भी उसे एक प्रैक्टिकल के पेपर में अनुपस्थ्ति होना बताया गया है।
छात्रा व उसके पिता ने गणित की शिक्षिका प्रिया वाशिंग से फोन पर संपर्क किया। तब छात्रा के पिता को शिक्षिका ने जो कारण बताया वह हैरान करने वाला था। शिक्षिका ने कहा कि आपकी बेटी सालभर कक्षा में बहुत सवाल पूछती थी। उससे सवालों से परेशान हो गई थी, इसलिए उसे सजा देने व सबक सिखाने प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित की हूं। वहीं छात्रा जयंती साहू ने बताया कि उसने सभी विषयों की प्रायोगिक परीक्षा दी थी। उपस्थिति पत्रक में हस्ताक्षर भी किए हैं। इसके बाद भी उसे एबसेंट कर दिया गया। उन्होंने सहपाठी छात्रों से उपस्थिति की गवाही देने की गुहार लगाई है।
शिक्षिका के खिलाफ छात्रा व उसके पिता ने एफआईआर करने आवेदन दिया है। पुलिस ने अभी एफआईआर दर्ज नहीं किया है। वहीं पुलिस का कहना है कि शिक्षिका को थाने बुलाया गया था। उन्होंने अपनी गलती मान ली और कहा कि परीक्षा में नंबर लिखने में त्रुटि हो गई, जिसके कारण यह हुआ। शिक्षिका ने थाने में माफीनामा भी पेश किया है। दूसरी ओर परीक्षा प्रभारी ने गलती सुधारते में मदद की बात कही है।