मुंबई में आयोजित 4 दिवसी बूट कैंप में शामिल हुए कबीरधाम जिले के सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी
दीपक ठाकुर की रिपोर्ट
कवर्धा। शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग कर विभिन्न नयाचार गतिविधियों के संबंध में चार दिवसीय बूट कैंप का आयोजन मुंबई में किया गया। 24 से 27 मई तक मुंबई के चेंबूर स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में आयोजित इस कैंप में मिजोरम, तेलंगाना एवं छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक एवं एकेडमिक अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दी। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले से सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी अनिल केशरवानी भी इसमें शामिल हुए। कैंप संचालन एवं व्याख्यान प्रोफेसर मैथिली रामचंद्रन, प्रोफेसर अनुष्का रामनाथन, प्रोफेसर अजय सिंह, डॉ. गोमती जैन, शाह नवाज एवं टीम के अन्य सदस्य ने किया। उन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का प्रयोग बेहतर ढंग से किस प्रकार किया जा सके इसकी जानकारी दी। छत्तीगढ़ के 24 अधिकारियों की टीम का नेतृत्व डॉ. एम सुधीश ने किया। छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी, करियर, प्रोफेशनल्स एक्सेस टेक्नोलॉजी, क्वालिटी एजुकेशन, दीक्षा पोर्टल सहित भविष्य में संभावनाओं को लेकर जानकारी दी गई। इस दौरान कबीरधाम जिले में विषम परिस्थितियों में भी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी अनिल केशनवानी ने दी। उन्होने बताया कि कोरोना काल जैसे विषम परिस्थितियों में लाउडस्पीकर क्लास, बुल्टूथ के गोठ, एसएमएस गुरूजी, मोहल्ला क्लास, ऑनलाइन क्लास, वाटसएप के माध्यम से शिक्षा, अभ्यास कार्य, वर्तमान परिवेश में स्मार्ट, क्लास के जरिए बच्चों को शिक्षा दी गई । इस प्रकार टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की टीम ने लाउडस्पीकर क्लासेस के साथ ही सभी नवाचार की सराहना की । प्रशिक्षण के अंतिम दिवस में राज्य के नवाचारी शिक्षा ज्योति पीएलसी सदस्यों द्वारा तैयार, किए धान के कटोरा छत्तीसगढ़ के धान से बने धानमौरी डॉ. एम सुधीर के नेतृत्व में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के डीन प्रोफेसर शाहजहॉं, किशोर दारक टाटा ट्रस्ट, अनुष्का रामनाथन, प्रो.गोमती जैन, मैथिली रामचंद्रन की टीम व तेलंगाना और मिजोरम के अधिकारियों को भेंट की। अनिल केशरवानी ने बताया की हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक यदि आईटीआईसीटी में स्नातकोत्तर सर्टिफिकेट कोर्स 3 माह का करना चाहें तो छत्तीसगढ़ के 150 विज्ञान और 150 गणित के शिक्षकों को मौका दिया जा रहा है। इसका खर्च टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईसेज, समग्र शिक्षा और शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वाहन किया जाएगा।