ग्राम तुलसी (नेवरा) एवं टोहड़ा में सौ.कुसुम ताई दाबके लां कांलेज के द्वारा विधिक प्रकरणो को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया
“शैलेश राजपूत की रिपोर्ट”
तिल्दा-नेवरा। पर्यावरण संरक्षण से संबंधित और उनके महत्व को लेकर संवैधानिक एवं कानूनी अधिकारों से आमजन को जागरूक करने , स्थानीय ग्राम तुलसी (नेवरा) व टोहड़ा में जागरूकता रैली निकाली गई । सौ.कुसुम ताई दाबके लां कांलेज के प्रोफेसर डॉ सतपथी व छात्रों के द्वारा निकाली गई इस रैली में हाथों में पोस्टर एवं गगनभेदी नारों के गूंज के मध्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण व इनसे बचाव के लिए क़ानूनी पहलुओं से अवगत कराया गया । रैली के पश्चात कार्यक्रम के प्रमुख, प्रोफेसर डॉ प्रीति सतपथी ने ग्राम तुलसी के पंचायत भवन में सरपंच गुलाब सिंह यदू एवं ग्रामीणों के साथ संवैधानिक विषय को लेकर चर्चा करते हुए पर्यावरण संरक्षण व सीएसआर (कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी)के प्रावधानों पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गई। उक्त कार्यक्रम में डां सतपथी के उद्बोधन पर सरपंच गुलाब सिंह यदू व उपस्थित ग्रामीणों ने आभार व्यक्त किया ।
इसी तरह ग्राम तुलसी के पश्चात, समीपस्थ ग्राम टोहड़ा में भी विधिक जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया । ग्राम टोहड़ा के स्कूल प्रांगण में कार्यक्रम के प्रमुख डॉ प्रीति सतपथी ने शिक्षकों व सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधियों के मध्य पर्यावरण जागरूकता विषय पर प्रकाश डाला , उन्होंने प्रकृति के दोहन पर चिंता ब्यक्त करते हुए कहा कि प्रकृति की रक्षा करना हमारी मूल जिम्मेदारी है , प्रकृति है तो हमारा जीवन है । डां सतपथी ने अपने उद्बोधन के दौरान अहम कानूनी मुद्दों व महिला सशक्तीकरण को लेकर भी उपस्थित जनसमुदाय को अवगत कराया । उद्बोधन के कड़ी के पश्चात सौ. कुसुम ताई दाबके लां कांलेज के विद्यार्थियों द्वारा संवैधानिक पहलुओं , यातायात नियमों , बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ,मौलिक अधिकारों, शिक्षा के अधिकार एवं ग्रामीण क्षेत्रों में फैले सामाजिक कुरीतियां जैसे, टोनही प्रताड़ना एक्ट व पर्यावरण संरक्षण पर नुक्कड़ नाटक का जीवंत मंचन किया । आयोजित कार्यक्रम को स्कूली बच्चों ने बड़े ही जिज्ञासापूर्वक देखा । कार्यक्रम के अंत में डां प्रीति सतपथी व लांच कालेज के विद्यार्थियों द्वारा वृक्षदान, एवं वृक्षारोपण किया गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से संदीप वर्मा, खुबदास वैष्णव सरपंच टोहड़ा, सचिव नरसिंग दास, दिनेश आडिल, मनहरण लाल वर्मा, के आलावा स्कूल के प्रधानाध्यापक व शिक्षकगण अथवा ग्रामीण जन शरिक हुए।