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Chhattisgarh

बसंत पंचमी मंत्रोच्चारण के साथ मनाया गया

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करेली बड़ी में बसंत पंचमी का पर्व रूक्मणी बंछोर के नेतृत्व में विधि विधान एवं मंत्र मंत्रोच्चारण के साथ मनाया गया। जिसमें छात्र छात्राओं के द्वारा विभिन्न प्रकार के फूलों से थाल एवं प्रांगण को सजाया गया।रेशमा, मनीषा, डोमेश्वरी मीना, ईशा सेन, पेमेश्वरी, अनीता, सुष्मा, लोकेश आदि बच्चों ने गीत,कविता की प्रस्तुति दी। साथ ही नए वाद्य यंत्र हारमोनियम,तबला ढोलक, की पूजा-अर्चना भी की गई। संचालन करते हुए शिक्षक एवं शायर जितेंद्र सुकुमार ने बताया जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो देखा सृष्टि में कोई हलचल नहीं हो रही थी सारा दृश्य वातावरण एकदम शांत था। तो विष्णु जी के पास जाकर पूरा वृतांत बताया और विष्णु जी के कहने पर ही उसने अपने कमंडल से जल छिड़का तो वहां से मां शारदे की उत्पत्ति हुई और जैसे ही मां शारदे के वीणा बजाते ही सारा वातावरण गुंजित हो उठा, फूल खिलने लगे चिड़िया चहकने लगी पेड़ पौधे के पत्ते हिलने लगे और इस तरह से बसंत पंचमी का पर्व मनाने की शुरुआत हुई। साथ ही इतिहास की दूसरी बड़ी घटना जिस समय मोहम्मद गौरी ने भारत पर 16 बार हार खाने के बाद जब 17 बार आक्रमण किया तो पृथ्वीराज चौहान हार गए और उसे बंदी बनाकर उसके दोनों नेत्रों पर सरिया डालकर अंधा कर दिया उनके दरबारी कवि चंद्रवरदाई और उन्हें बंदी बना कर अपने साथ ले गए। पृथ्वीराज चौहान शब्दभेदी बाण चलाने में निपुण थे। उसके दरबारी कवि चंद्रवरदाई दोहे के माध्यम से मोहम्मद गौरी की स्थिति बताई पृथ्वीराज चौहान ने तीर से मोहम्मद गौरी मार गिराया वह ऐतिहासिक दिन भी बसंत पंचमी का दिन था। व्याख्याता सुशील कुमार साहू ने अपने उद्बोधन में कहा मां सरस्वती ज्ञान की देवी है जिसे भी ज्ञान अर्जन करना है उसे आज के दिन मां सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए उनकी सारी मुरादें जरूर पूरी होगी। व्याख्याता मधु सिंह ने बच्चों को प्रेरित करने के लिए सरस्वती वंदना सुनाई वही बृजेश कुमार देवांगन ने बच्चों को बधाई देते हुए बताया कि सरस्वती माता का दूसरा नाम परमेश्वरी है जो देवांगन समाज की कुलदेवी है आज के दिन देवांगन समाज के द्वारा शोभायात्रा निकाली जाती है। संस्था के प्राचार्य किशोर कुमार जांगड़े ने बसंत पंचमी के महत्व एवं उद्देश्य को बच्चों के सामने रख कर मोटीवेट करते हुए कहा ज्ञान अर्जन के लिए विनम्रता का भाव जरूरी है। अवध राम साहू, यामिनी गायकवाड़, भावना ठाकुर दुर्गा सिंहा ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये। मंच का संचालन रूक्मणी बंछोर एवं जितेन्द्र सुकुमार ने किया। प्रदीप राव नन्नावरे , हेम दास मानिकपुरी मौजूद थे।

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