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दस चक्का वाहन की चपेट में आने से बाइक सवार घायल, बड़ा हादसा टला

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राजिम । रविवार को दोपहर 12:30 बजे धमतरी जिला के मगरलोड ब्लाक से कुंडेल गांव के करीब 67 वर्षीय रामनाथ साहू अपने बेटे एवं दमांद के साथ फिंगेश्वर शादी निमंत्रण में जाने के लिए निकले थे। बेटा गाड़ी चला रहा था और चौबेबांधा पुल को पार कर राजिम पहुंचते ही चौबेबांधा तिराहा के पास फिंगेश्वर जाने वाले रास्ते में तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें ठोकर मारकर एक्सीडेंट कर दिया। जब लोगों की नजरें पड़ी तो तीनों व्यक्ति गिर गए थे। वहां उपस्थित लोगों ने दौड़ कर उन्हें उठाया। गनीमत यह रही की टक्कर होने के बाद कहीं दाएं ओर गिर जाते तो जान बचना मुश्किल हो जाता परंतु बांई ओर गिरने के कारण तीनों बच गए। इस दुर्घटना में बुजुर्ग रामनाथ साहू के पैरों में गहरी चोट आई है। जिसके कारण उसके पैर से लगातार खून का बहाव हो रहा था। तथा उपस्थित युवाओं ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को मोबाइल से फोन कर बुलाया और सरकारी हॉस्पिटल पहुंचाया। इस दुर्घटना में बाकी दोनों व्यक्ति को भी हल्की चोटें आई है। उल्लेखनीय है कि शहर की आबादी निरंतर बढ़ रही है जिसके कारण आवागमन का दबाव बढ़ा है परंतु सड़कें जस की तस है। शहर से होकर छोटी बड़ी गाड़ियां जिला मुख्यालय गरियाबंद देवभोग तथा बस स्टैंड से होकर फिंगेश्वर महासमुंद के लिए सरपट दौड़ते हुए आगे बढ़ती है इन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता है और गाड़ियां बेतरतीब चलती रहती है और तो और सड़कों पर ही पार्किंग किया जाता है कहीं भी गाड़ी खड़ी कर देने से सड़कों की चौड़ाई भी छोटी हो जाती है। राजधानी रायपुर से जिला मुख्यालय गरियाबंद के लिए बाईपास रोड की मांग वर्षों से की जा रही है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई परिणाम नहीं आया है शहर के लोग मांग कर रहे हैं कि बड़ी गाड़ियों के लिए बाईपास रोड शीघ्र बनाया जाए उन्हें शहर के बाहर से ही निकाली जाए। बावजूद इसके अभी तक कोई प्रशासनिक उचित करवाई नहीं दिख रही है जिसके कारण लोग खासे नाराज हैं। विकास की मुख्यधारा से राजिम शहर अभी तक नहीं जुड़ पाए हैं जिनका मलाल है लोग फेसबुक या फिर व्हाट्सएप के माध्यम से चैटिंग कर नगर विकास के संबंध में अपनी बातें रखते हैं। कहने को तो राजिम पिछले 20 साल से नगर पंचायत बना हुआ है परंतु अभी तक यहां डिवाइडर रोड भी नहीं बन पाया है। सबसे बड़ी दिक्कत पालको को होती है जब उनके बच्चे पढ़ाई करने के लिए स्कूल कॉलेज जाते हैं । ज्ञातव्य हो कि यह वही प्राचीन शहर है जिन्हें प्रयागधाम राजिम कहा जाता है। कभी कुंभ मेला के नाम से पूरी दुनिया छत्तीसगढ़ को राजिम के नाम से जानती थी तथा प्रयाग भूमि के नाम से पूरे देश में विख्यात है आज भी माघी पुन्नी मेला में देशभर के लोग पुण्य स्नान, दर्शन पूजन आदि कृत्य के लिए लाखों की तादाद में आते हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं होना चिंता का विषय बना हुआ है। चौबेबांधा तिराहा नवीन मेला ग्राउंड जाने का रास्ता भी है। यह सड़क मार्ग गरियाबंद जिला को धमतरी जिला एवं राजधानी रायपुर से भी जोड़ती है। कहना होगा कि चार माह पहले नवापारा में इसी तरह के एक दुर्घटना में एक महिला की जान चली गई थी।

”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

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