सीएम बदलते-बदलते कांग्रेस आरोपियों को बदलने लगी : विष्णुदेव साय
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कांकेर ज़िले के पखांजूर क्षेत्र में बाघ की खाल के साथ पकड़ाए दो तस्करों में से एक आरोपी बदल जाने को गंभीर मामला बताते हुए प्रदेश सरकार और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों की नीयत पर सवाल उठाया है। श्री साय ने प्रदेश सरकार से यह साफ़ करने को कहा है कि पकड़े गए तस्करों के रात को सोशल मीडिया में पोस्ट वीडियो में दिखाए गए दो आरोपियों में से एक आरोपी सुबह होते-होते कैसे बदल गया? क्या वन विभाग ने सरकार और सत्तारूढ़ दल के दबाव में आकर किसी दूसरे को या फिर छोड़े गए मुख्य आरोपी के किसी सहायक को मुख्य आरोपी बनाकर ज़ेल दाख़िल किया है? श्री साय ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह क़ानून के साथ आपराधिक स्तर की अक्षम्य छेड़छाड़ है और इसके लिए सभी ज़िम्मेदार लोगों की भूमिका को जाँच के दायरे में लाकर दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज कर कड़ी क़ानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। श्री साय ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस प्रदेश में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के मसले के मद्देनज़र मुख्यमंत्री बदले जाने की राजनीतिक उठापटक चल रही है, वहाँ मुख्यमंत्री बदले जाने के बजाय पकड़े गए आरोपी को बदलने का आपराधिक खेल खेला जा रहा है, यह बेहद शर्मनाक है। प्रदेश कांग्रेस लगे हाथ यह भी स्पष्ट कर दे कि छोड़ा गया मुख्य आरोपी पहले ढाई साल वाले मुख्यमंत्री का कृपा-पात्र है या बाद के ढाई साल के दावेदार मुख्यमंत्री के कोटे का है? श्री साय ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व और प्रदेश सरकार से यह भी जानना चाहा है कि स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर सजा में कुछ छूट देकर ज़ेल से अपराधियों को छोड़े जाने की ही तरह क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन पर पकड़े गए आरोपी को बिना कोई कार्रवाई किए ही छोड़ने की कोई योजना बनाई गई है? श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार का राजनीतिक चरित्र ही अपराधियों को संरक्षण देने का है और ढाई-पौने तीन साल के कार्यकाल में इस प्रदेश सरकार ने अनेक बार अपराधियों को संरक्षण देने का चरित्र प्रदर्शित किया है। श्री साय ने कांग्रेस नेतृत्व और प्रदेश सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि आख़िर किसके कहने पर बाघ की खाल की तस्करी में लिप्त उक्त मुख्य आरोपी को छोड़ा गया? आज प्रदेश के हालात ऐसे हो चले हैं कि यहाँ क़ानून का नहीं, सत्तावादी संरक्षण में अपराधियों का ज़ंगलराज चल रहा है। अनेक अपराधों में कांग्रेस के नेताओं, उनके परिजनों या फिर उनके क़रीबियों की भी संलिप्तता जगज़ाहिर हुई है। श्री साय ने इसे प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि जो अपराध करता है, प्रदेश सरकार उसे निगम-मंडल का अध्यक्ष बनाकर उपकृत कर रही है, और बाद में यही आपराधिक तत्व सत्ता-बल की धौंस जमाकर अपराधियों को छुड़वाने का काम भी करते हैं। पीडीएस के चावल की चोरी करके अपनी राइस मिल में भंडारण करने में कांग्रेस नेता की संलिप्तता हो, या दहेज हत्या के सात साल के सजायाफ़्ता अपराधी को एक मंडल का अध्यक्ष बनाने को मामला हो, या फिर कांग्रेस पार्षद द्वारा सरेआम महिलाओं से मारपीट का मामला हो, कांग्रेस अपराधियों को संरक्षण देने के अपने निंदनीय राजनीतिक चरित्र से उबर नहीं पा रही है।