बच्चे राइफल वाली पिचकारी की कर रहे ज्यादा डिमांड
राजिम । जैसे-जैसे होली का त्यौहार नजदीक आते जा रहा है लोग होलियाना रंग में डूबते हुए दिखाई दे रहे हैं। रविवार को शाम 5:00 बजे फिंगेश्वर क्षेत्र से पहुंचे राहस नृत्य दल ने आकर्षक वेशभूषा में राहगीरों को काफी प्रभावित किया। लोग इनके नृत्य को देखने के लिए रुके रहे। इन्होंने आज होली रे रसिया…., होली खेले नंद के लाला….., राजिम लोचन नाम है राजीव जी का धाम है ….जैसे गीतों पर पांव की घुंघरू तथा डंडे की आवाज आती रही। छोटे-छोटे बच्चों कमर में धोती लटकाए हुए तो बच्चियां साड़ी पहनकर आकर्षक दिख रही थी। उनकी प्रस्तुति आज राजिम के प्रमुख चौक चौराहे पर होती रहे। इन्होंने श्रीराम चौक से लेकर पंडित सुंदरलाल शर्मा चौक, गरियाबंद रोड में गोवर्धन चौक, महामाया चौक, राजिम भक्ति माता चौक, चौबेबांधा तिराहा, सुभाष चौक, राजीव लोचन मार्ग, पंडित श्यामाचरण शुक्ला चौक आदि में यह नृत्य दल प्रस्तुति दिए। उल्लेखनीय है कि शहर में अनेक पिचकारी की दुकान सजे हुए हैं शाम होते ही आकर्षक लाइटों में रंग-बिरंगे सतरंगी छटा देखने को मिल रही है। इस बार राइफल वाले पिचकारी आए हैं एके-47 मशीन गन की पिचकारी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इनके अलावा पंपिंग पिचकारी तथा बैलून में रंग भर कर खेलने का अपना अलग मजा होता है बच्चे अक्सर होली के दिन इनका उपयोग करते हैं और होली के मस्ती में खो जाते हैं। बताना होगा कि पूरे प्रदेश में राजीव लोचन मंदिर का होली काफी प्रसिद्ध है इसे खेलने के लिए ना की आम जनता बल्कि राजनेता से लेकर लोक कलाकार भी सम्मिलित होते हैं और नगाड़ा की धुनों पर फाग गीतों की मस्ती में डूब जाते हैं। परंतु जैसे ही भगवान राजीवलोचन भक्तों के साथ होली खेलने के लिए निकलते हैं रंगों की छिड़कन से माहौल पूरा रंगमय हो जाता है। अब गांव शहर सभी जगह नगाड़ा की आवाज सुनाई दे रही है। यहां होली त्यौहार का स्वागत कर रही है। दूसरी ओर घरों की साफ-सफाई त्योहारी सीजन के चलते हो रही है। दुकान के संचालक भवानी शंकर साहू ने बताया कि पिचकारी बच्चों की खासा पसंद है वह इन्हें अपने पलकों से विक्रय कर ले जा रहे हैं। पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण बिक्री नहीं हुई थी लेकिन इस बार आशातीत विक्रय हो रही है। कल गुरुवार को दुकान अच्छी चलने की उम्मीद है।