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त्रिवेणी संगम में नादिया मड़ाई देखने उमड़ा जनसैलाब,कुलेश्वर नाथ महादेव का दर्शन करने के लिए भक्तों की लगी कतार

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । कातिक पुन्नी के अवसर पर त्रिवेणी संगम में लगने वाले नादिया मड़ाई में आज दिन शुक्रवार को लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा था। पूरा संगम श्रद्धालुओं से भर गया था सुबह से ही स्नान दान एवं दीपदान का क्रम चलता रहा। छोटे बच्चों से लेकर बड़े व बुजुर्ग भी आज संगम में स्नान कर पुण्य के प्रतिभागी बने। बताया जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा को संगम में स्नान करने से पुण्य का फल दोगुना हो जाता है। वैसे भी देश में दो स्थानों पर संगम की मान्यता मिली हुई है जिसमें पहला उत्तर प्रदेश में स्थित प्रयाग धरा है उसके बाद दूसरा प्रयाग राजिम संगम को माना गया है। दुर्ग, भिलाई, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, कांकेर, कवर्धा, रायपुर, राजनांदगांव सहित प्रदेश भर से लोग बड़ी संख्या में पहुंचे हुए थे और घूम घूम कर मेले का आनंद उठाया। छोटे बच्चे गुपचुप का स्वाद ले रहे थे तो लड़कियां भी आलू गुंडा एवं समोसा बड़े चाव के साथ खा रहे थे कुछ लोग परिवार सहित मिर्ची भजिया का स्वाद चख रहे थे। खास बात यह रही की यहां सजे हुए प्रत्येक दुकानों में भीड़ इस कदर थी कि दुकान संचालक ग्राहकों को समान नहीं दे पा रहे थे उन्हें इंतजार करना पड़ा पश्चात खाद्य सामग्री मिलने के बाद नदी में बैठकर एक साथ परिवार के साथ नाश्ते का आनंद लिया। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के कारण लोग इस तरह के सामूहिक कार्यक्रमों में सम्मिलित नहीं हो पा रहे थे लेकिन इस बार प्रभाव कम होने के कारण लोग बड़ी संख्या में अपने परिवार के साथ घर से निकले और मडाई का लुफ्त उठाया। सुबह से ही स्नान का क्रम जारी रहा पश्चात नदी की रेत से शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना किया गया और खीर पूरी का प्रसाद महादेव को समर्पित किया। दूसरी ओर शाम 4:00 बजते ही मडाई लेकर बाजा की धुन पर रावत दल के नर्तक नाचते गाते तथा दोहा कहते हुए निकले तो देखने वालों की हुजूम बढ़ गई। प्रतीकात्मक स्वरूप मडाई लेकर पूरे संगम क्षेत्र का भ्रमण किए जो देखते ही बन रही थी। छोटे बच्चे गुब्बारा के साथ खेलते रहे। दूसरी ओर जलेबी एवं बताशे के अलावा बालू साय एवं मिक्चर खूब बिकें। कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर में मेला जैसे भीड़ देखने को मिला। सुबह से ही लोग कतार में खड़ा होकर अपने बारी का इंतजार करते हुए महादेव का दर्शन किए पश्चात लोमस ऋषि आश्रम में जाकर उन्हें प्रणाम किए। तट में स्थित प्रसिद्ध भगवान राजीव लोचन मंदिर, दान दानेश्वर महादेव मंदिर, साक्षी गोपाल, राजिम भक्ति मंदिर, आदिशक्ति मां महामाया मंदिर सहित सभी प्राचीन मंदिरों में खूब भीड़ रही तथा घंटियों की झंकार से पूरा राजिम गूंज उठा। पुन्नी मडाई देखने के लिए पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय के साथ में राजिम भाजपा मंडल के पूर्व अध्यक्ष सोमप्रकाश साहू तथा सामाजिक नेता सोमनाथ पटेल मलाई की भीड़ देखकर प्रसन्न हो गए। ज्ञातव्य हो कि राजिम संगम के इस लड़ाई का इंतजार लोगों को काफी दिनों से रहता है इसके बाद अंचल में मड़ाई मेला का क्रम प्रारंभ हो जाएगा।

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