हिंदी दिवस पर कमलक्षेत्र राजिम किताब पर हुई चर्चा

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”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । हिंदी दिवस के अवसर पर प्रयाग साहित्य समिति द्वारा आयोजित साहित्यिक संगोष्ठी में शहर के लेखक एवं सेवानिवृत्त शिक्षक आर एन तिवारी द्वारा लिखित पुस्तक कमलक्षेत्र राजिम पर चर्चा हुई। मौके पर उपस्थित कवि एवं साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल ने कहा कि राजिम नगरी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है क्योंकि इस नगरी का उद्भव अत्यंत प्राचीन है। सबसे पहले इन्हें कमल क्षेत्र कहा जाने लगा। समय के साथ साथ पद्मावती पुरी, देवपुरी, छोटा काशी, पंचकोशी धाम, राजीव नगर, राजिम आदि। इस पुस्तक में विभिन्न पुराणों से राजिम नगरी की महत्ता को प्रतिपादित किया गया है इसके लिए लेखक बधाई के पात्र है। वरिष्ठ कवि तुकाराम कंसारी ने कहा कि राजिम नगरी के संबंध में जानकारी देने वाला यह पुस्तक कमलक्षेत्र राजिम की प्रति और निकलवा कर बांटा जाना चाहिए या फिर बिक्री के लिए स्टालों में उपलब्ध हो। जिसे पढ़कर पर्यटक इस नगरी के संबंध में जानकारी एकत्रित करें। शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने कहा कि लेखक एक पुस्तक लिखने में अपनी पूरी जिंदगी खपा देता है। उनके लिए शब्दों के ताने बाने से बुना गया लाइनें जीवन को मोटिवेट करने का काम करती है। फिर धर्म अध्यात्म में लिखना बहुत बड़ा काम है जिसे आरएन तिवारी ने पूर्ण किया है। कवि गोकुल सेन ने कहा कि इस पुस्तक को अनेक विद्वानों ने पढ़कर ज्ञान अर्जन किया है। जो हमारी राजिम के लिए धरोहर है। उक्त अवसर पर लेखक आरएन तिवारी ने कहा कि मैं इनकी प्रति निकलवा कर प्रयाग साहित्य समिति को प्रदान करूंगा। इस कार्य के लिए जो खर्चा आएगा से मैं स्वयं वाहन करूंगा। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष राम कुमार गोस्वामी तथा प्रयाग साहित्य समिति के अध्यक्ष टीकम सेन ने लेखक का सम्मान करते हुए उन्हें किताब भेंट किया।कार्यक्रम का संचालन नूतन साहू ने किया।

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