गोविंद मेडिकल एजेंसी संचालक की गिरफ्तारी नहीं होने से पार्षदों में नाराजगी
धमतरी। गुणवत्ताहीन क्लोरीन टेबलेट सफ्लाई के मामले में एफआईआर के बाद भी गोविंद मेडिकल एजेंसी के संचालक की गिरफ्तारी नहीं होने से पार्षदों में नाराजगी है। मामले को सामान्य सभा मे जोर-शोर से उठाने के बाद अब फ़ाइल री-ओपन कराने की तैयारी की जा रही है। विदित हो कि अप्रैल 2020 में निगम में गोविंद मेडिकल एजेंसी द्वारा 423 बॉक्स क्लोरीन टेबलेट की सफ्लाई की गयी थी। टेबलेट के बॉक्स में नॉट फ़ॉर सेल ओनली गवर्मेंट सफ्लाई लिखा हुआ था, वहीं निगम ने जब टेबलेट की जांच कराई तो वह स्तरहीन पाई गई। चूंकि कोरोना काल के समय का यह स्वास्थ्य से जुड़ा गम्भीर मामला था, तत्कालीन आयुक्त ने कार्रवाई के लिए सिटी कोतवाली प्रभारी को पत्र लिखा। सिटी कोतवाली में गोविंद मेडिकल एजेंसी संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी थी पर बाद में इस पुलिस ने खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी। इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा, राजेन्द्र शर्मा, विजय मोटवानी आदि ने मुखर होकर आवाज बुलंद की। पार्षदों का कहना है कि निगम की रिपोर्ट पर जब एफआईआर दर्ज हुई थी तो फिर आगे मेडिकल संचालक की गिरफ्तारी कर कार्रवाई होनी थी लेकिन सीधा खात्मा रिपोर्ट पेश कर मामले को दबा दिया गया। इस सम्बंध में महापौर विजय देवांगन का कहना है कि निगम ने अपनी ओर से एफआईआर दर्ज करा दी थी, पुलिस ने किस आधार पर खात्मा रिपोर्ट पेश की इसका विश्लेषण निगम के अधिवक्ता द्वारा किया जा रहा है, इस मामले में आगे विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।