केन्द्रीय विद्यालय क्र 2 रायपुर में संभाग स्तरीय कला उत्सव का आयोजन
रायपुर | केन्द्रीय विद्यालय क्र 2 रायपुर में विनोद कुमार , उपायुक्त केन्द्रीय विद्यालय संगठन , रायपुर संभाग के मुख्य आतिथ्य में संभाग स्तरीय कला उत्सव का आयोजन किया गया | समारोह का शुभारंभ ऑफलाइन मोड में माँ सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । संगीत शिक्षिका ए उमाभारती के मार्गदर्शन में छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत किया । प्राचार्य प्रभा मिंज द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया । ए नंदिता एवं प्रविधि नागवंशी द्वारा भरतनाट्यम तथा माही साहू द्वारा छत्तीसगढ़ी डांस प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने उदबोधन में कला उत्सव के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने साहित्य, संगीत, कला एवं संस्कृति के महत्त्व को समझते हुए इसे भावी पीढ़ी को विरासत के रूप में सौंपा है । इसकी महत्ता को ध्यान में रखकर भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा 2015 से प्रतिवर्ष कला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है । इसके माध्यम से माध्यमिक स्तर के छात्रों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानने, उसे पोषित करने और शिक्षा में कला को बढ़ावा देने में बहुत सहायता मिल रही है । पिछले वर्षों से कला उत्सव का आयोजन ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जा रहा है । आपने कहा कि संगीत की कोई भाषा एवं भौगोलिक सीमा नहीं होती । संगीत की धुन में लोग थिरकने लगते हैं । इसी कड़ी में केन्द्रीय विद्यालय क्र 2 में शास्त्रीय नृत्य एवं पारंपरिक नृत्य की संभाग स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित है । जिसमें रायपुर संभाग के अम्बिकापुर, बिलासपुर, दुर्ग , जगदलपुर तथा रायपुर क्लस्टर के प्रथम स्थान प्राप्त प्रतिभागियों की नृत्य प्रतिभा का मूल्यांकन सी डी प्रदर्शन द्वारा किया गया । इस प्रतियोगिता में शास्त्रीय नृत्य एवं पारंपरिक नृत्य दो समूहों में आयोजित थी । एक समूह छात्रों का तथा दूसरा समूह छात्राओं का था । कार्यक्रम का संचालन बी डी मानिकपुरी एवं सृष्टि गुप्ता द्वारा किया गया । टेक्निकल विशेषज्ञ के रूप में अरविंद भटपहरे , रवि देवांगन एवं अजीत मेहर के साथ उपस्थित थे । राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त रायपुर शहर की शास्त्रीय एवं लोक नृत्य के कलाकार नेहा पटनायक (नेशनल अवॉर्ड भरतनाट्यम ) , हिमानी (एम.ए कथक ) , स्वीटी पगारिया (एम ए कथक ) , किरण साहू (एम ए कथक एवं लोक संगीत) , अंजली भट्ट (एम ए लोक संगीत ) एवं प्रिंसी नामदेव (एम ए कथक एवं लोक संगीत ) ने निर्णायक मंडल की सदस्य के रूप में अपना सराहनीय योगदान दिया |