शहर में अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने में विफल संबंधित विभाग जनता के कटघरे में
“शैलेश राजपूत की रिपोर्ट”
तिल्दा-नेवरा। शहर तिल्दा-नेवरा में इन दिनों गांजा ,शराब जैसे मादक पदार्थों के साथ साथ नशीली दवाओं का अवैध कारोबार युवा पीढ़ी क़ो अपने शिकंजे में जकड़ रखा है ।वहीं सट्टा, जुंआ के द्रुत गति से फलते फूलते अवैध कारोबार से तिल्दा-नेवरा नगर की एक अलग पहचान बनती नजर आ रही है ।वहीं पर इन अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने में विफल संबंधित विभाग के सुर बदला सा प्रतित हो रहा है । कुछ दिन पहले एक कांग्रेसी नेता एवं वार्ड पार्षद ने इस मामले पर तिल्दा-नेवरा आरक्षी केन्द्र के टी.आई.शरद चंद्रा को ज्ञापन सौंपकर इन अवैध कारोबारो को नेस्तनाबूद करने का अपील किया था , जहां पर पुलिस प्रशासन की ओर से आश्वासन तो मिला ,लेकिन पुलिस प्रशासन को इन अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसने में कामयाबी हासिल नहीं हो पायी है । नगर में 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कों को चौक चौराहे पर गांजा के छल्ले उड़ाते देखा जा सकता है वहीं अवैध शराब के कारोबारी निर्भिक रूप से अपने अवैध कारोबार को संचालित कर रहे हैं इनका प्रमाणिक सबूत के तौर पर शासकीय शराब दुकान खुलने के पहले मदिरा प्रेमियों के मदहोशी से आंका जा सकता है ।ऐसि नहीं है कि अवैध शराब बिक्री के संदेहियों पर पुलिसिया धरपकड़ नहीं होती ,माना जाता है कि पुलिसिया धरपकड़ होती है मगर उस प्रकरण को वहीं दफना दिया जाता है । इससे प्रतित होता है कि पुलिसिया कार्रवाई की लचीली ब्यवस्था के चलते नगर व क्षेत्र में अवैध कारोबारी निर्भिक रूप से कथित कारोबार में लिप्त है ।इसी तरह जुंआ, सट्टा जैसे अवैध कारोबार कुकुरमुत्ते की भांति फल फूल रहा है ,नगर के किस कोने से जुंआ ,सट्टा जैसे अवैध कारोबार संचालित हो रहा है इनकी जानकारी नगरवासीयो को भली भांति है ,लेकिन वहीं पर संबंधित विभाग इस मसले से अनभिज्ञ हैं ,जो कि लोगों की समझ से परे है। लोगों का कहना है कि माना जाता है कि पुलिस का हाथ लंबे होते हैं जिनके हाथों से कोई मुजरिम बच नहीं सकता ,अगर इस कहावत पर बल दिया जावे ,तो नगर में संचालित अवैध कारोबार पर किसकी छत्रछाया है? जिससे यह अवैध कारोबार फल फूल रहा है, और वही पर पुलिसिया ताकत कमजोर पड़ती जा रही है ।