जारी रहेगा किसान आंदोलन, 26 को देशव्यापी आंदोलन, समर्थन मूल्य देने का कानून बनाओ : कहा किसान सभा ने

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“बी एन यादव की रिपोर्ट”

कोरबा। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान संघर्ष समन्वय समिति से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने केंद्र सरकार द्वारा काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा का स्वागत किया है, लेकिन वापसी के लिए संसदीय प्रक्रिया के पूर्ण होने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनने और बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री द्वारा किसान विरोधी काले कानून की वापसी की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ किसान सभा की कोरबा जिला समिति द्वारा कुसमुंडा के कबीर चौक में जुलूस निकाला गया और मडवाढोढा में किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने मांदर बजा कर किसानों की पहली जीत पर खुशी मनाई।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सचिव प्रशांत झा और दीपक साहू ने कहा है कि किसान विरोधी काले कानूनों की वापसी के लिए संसद का विशेष अधिवेशन बुलाया जाना चाहिए। लेकिन इसके साथ ही सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने का कानून बनाने और बिजली संशोधन बिल को वापस लेने के बारे में भी अपना रुख साफ करना चाहिए, क्योंकि देशव्यापी किसान आंदोलन की यह प्रमुख मांग है। किसान नेताओं ने कहा है कि काले कानूनों की वापसी की घोषणा इस देश के किसानों के अहिंसक सत्याग्रह और लोकतंत्र की जीत है, जिसे संघी गिरोह अपने फासीवादी षड़यंत्रों से कुचलना चाहता है। ये कानून संसदीय प्रक्रिया का उल्लंघन करके और लोकतांत्रिक मान-मर्यादा को कुचलकर बनाये गए थे और इसलिए इन कानूनों के पीछे देश की बहुमत जनता का बल नहीं था।

इस देशव्यापी आंदोलन में लगभग 800 किसानों की शहादत के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए किसान सभा से जुड़े नेताओं ने इन शहीद किसानों के परिवारों के पुनर्वास और उन्हें मुआवजा देने की भी मांग की है।

झा ने स्पष्ट किया है कि 26 नवम्बर को प्रस्तावित देशव्यापी आंदोलन को कानून वापसी की घोषणा से और बल मिला है। छत्तीसगढ़ में अब किसान आंदोलन और ज्यादा ताकत से विकसित होगा। संयुक्त किसान आंदोलन द्वारा किसान विरोधी कानून की वापसी के लिए शुरू किये गए आंदोलन में छत्तीसगढ़ किसान सभा की कोरबा जिला समिति से जुड़े कार्यकर्ता शुरू से शामिल रहे और देशव्यापी आंदोलन के तहत किये गए भारत बंद,चक्काजाम, कानून की प्रतियां जलाने और रेल चक्काजाम तक में कोरबा जिले के साथियों ने कोरबा में आंदोलन का समर्थन कर आंदोलन भाग लेते रहे। दिल्ली के पलवल बॉर्डर में चल रहे प्रदर्शन में जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा,दीपक साहू,नंदलाल कंवर, दिलहरण बिंझवार कोरबा जिले से जाकर 15 दिनों तक आंदोलन में शामिल रहे । किसान सभा ने कहा कि काले कानूनों के वापसी पर अंतिम मोहर लगने तक आंदोलन जारी रहेगा। आज के जुलूस और गांव में हुए प्रदर्शन में प्रमुख रूप से माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर,जय कौशिक,दामोदर, रेशम,मोहन,राधेश्याम,पुरषोत्तम, सुराज सिंह, बैशाखू राम,चमरा राम,हरीश कंवर के साथ बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।

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