नक्सल प्रभावित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों में जमकर हंगामा
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मंगलवार देर शाम नक्सल प्रभावित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जमकर हंगामा हुआ। नक्सलियों की सूचना पर पहुंची पुलिस और STF टीम की भिड़ंत स्वास्थ्य कर्मियों से हो गई। जांच और तलाशी के दौरान पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप लगा है। डॉक्टरों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने स्टाफ को डराया और धमकाया है। वहीं पुलिस अफसरों ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि सिर्फ पूछताछ की गई। जानकारी के मुताबिक, उसुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार शाम करीब 7.50 बजे अचानक से पुलिस और STF की टीम ने छापा मारा। पुलिसकर्मियों ने वहां घेराबंदी कर दी और अस्पताल में मौजूद लोगों से पूछताछ शुरू की। इस दौरान वहां स्वास्थ्य कर्मियों के साथ कई ग्रामीण भी मौजूद थे। यही ग्रामीण इलाज के लिए केंद्र में पहुंचे थे। ग्रामीणों से पूछताछ के दौरान विवाद हो गया। हालांकि हंगामे और कुछ नहीं मिलने पर पुलिस टीम लौट गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर तरूण कुमार गोटी ने बताया कि ग्रामीण इलाज कराने के लिए आए थे। जिनके नक्सली होने के संदेह में पुलिस टीम अचानक से अंदर घुस आई और स्टाफ को डराने धमकाने लगी। पुलिस कर्मियों के ऐसे व्यवहार के चलते अस्पताल का सारा स्टाफ डरा हुआ है। उन्होंने कहा कि उसूर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करना वैसे भी चुनौती है। इसमें पुलिस का ऐसा व्यवहार ने कर्मचारियों के मनोबल को कमजोर करता है। उसूर थाना प्रभारी एसआई सुरेंद्र राठौर के अनुसार, STF को अस्पताल में नक्सलियों के इलाज करवाने की सूचना मिली थी। हाल ही में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना बॉर्डर पर मुठभेड़ में 3 नक्सली मारे गए थे और कई के घायल होने की सूचना है। इसी के चलते पुलिस टीम जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र गई थी। मरीजों से पूछताछ करते डॉ. गोटी ने पुलिस टीम को रोका। इसके बाद मरीजों का नाम-पता पूछ कर पुलिस लौट गई।