आखिरकार चौबेबांधा पुल में फंसा सागौन लकड़ी वन विभाग के हवाले

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राजिम। मंगलवार को पैरी सोढूर नदी में आई विकराल बाढ़ के साथ बहकर आए लंबे चौड़े वर्गाकार के कीमती सौगोन लकड़ी वन विभाग के हवाले हो गया। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को अपराह्न 3:00 बजे चौबेबांधा, सिंधौरी, नवागांव, नवापारा, राजिम के लोगों ने मिलकर चौबेबांधा पुल के दो स्तम्भ में फंसे इस लकड़ी को निकालने में सफलता पा ही रही थी कि अचानक वन विभाग एवं पुलिस विभाग का अमला दनदनाते हुए आ दमके और इस लकड़ी पर अपना अधिकार जताना शुरू कर दिए। इससे लकड़ी निकालने वाले करीबन 50 लोगों को धक्का पहुंचा तथा किनारे लगाने से पहले वहीं पर छोड़ दिए। लकड़ी निकालने वाले लोग वन विभाग से मांग करते रहे कि हमने इस लकड़ी को बाहर निकालने का पुरजोर प्रयास किया है तथा बीच नदी से किनारे लाया है इसलिए इनका पारिश्रमिक हमें मिलना चाहिए लेकिन उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों से बात कर पैसे देने से मना कर दिया और इस तरह से इन लोगों की मेहनत व्यर्थ चली गई। वहां उपस्थित लोगों ने बताया कि इस लकड़ी को निकालने के लिए लगातार तीन दिनों से प्रयास किया जा रहा था पुल से रस्सी बांधकर कई बार नीचे उतरा गया तथा जलस्तर कम होने का इंतजार भी किया गया और अंततः आज इस लकड़ी को बाहर निकाल लेते लेकिन विभागीय हस्तक्षेप के चलते कीमती लकड़ी बाहर निकलते निकलते नदी में ही रह गया। वहां उपस्थित डिप्टी रेंजर एसएस तिवारी ने बताया कि लकड़ी को नदी से बाहर निकालने के लिए टीम बुलाई गई है जैसे ही आएगा लकड़ी को हम बाहर निकालकर विभाग के हवाले कर देंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए थे। चौबे बांधा के सरपंच दुलीचंद अंडे उपसरपंच धनेंद्र साहू समेत पुल में अच्छी खासी भीड़ बन गई थी। राजिम थाना से आरक्षक टांडेकर एवं देवकुमार प्रमुख रूप से मौजूद थे।
“संतोष कुूमार सोनकर की रिपोर्ट”

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