पहली बार लगे सरस मेला में दाई-दीदीयों द्वारा बनाए गए उत्पाद हाथों-हाथ बिक रहे,महिलाओं को भी आय अर्जित करने का मिला अवसर
राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला में पहली बार लगे संभागीय सरस मेला में महिला समूह के दाई-दीदीयों बनाए गए उत्पाद हाथों-हाथ बिक रहे हैं। कलेक्टर नम्रता गांधी के मार्गदर्शन में 80 महिला समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को विक्रय करने का अवसर मिला है। वहीं शासन के जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी हेतु विभिन्न विभागों द्वारा स्टाॅल लगाया गया है। लगभग 20 स्टाॅलों में रेशम उद्योग, हथकरघा, वन एवं जलवायु परिवर्तन राष्ट्रीय आजीविका राजस्व आपदा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ टूरिस्म, महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि एंव उद्यानिकी विभाग, पशुधन मछली विभाग, संगवानी सेल्फी जोन, एक ही पंक्ति में सरस मेला का आयोजन किया गया है जहां सुबह से लेकर देर रात तक भीड़ लगी रहती है। हस्तशिल्प विभाग के अशोक प्रधान एवं गायत्री प्रधान ने बताया कि हाथों से बनाया गया कैप, डोलची, ब्रश स्टैण्ड, मोबाईल कवर, दिया स्टैण्ड, आरती स्टैण्ड, बांस से बनी टोकरी, स्टूल, कुर्सी, टेबल, झालर की तरफ लोग सहज की आकर्षित हो रहे है और अधिक से अधिक बिक्री बांस से बने सामग्री की हो रही है। सरस मेला आयोजन का उद्देश्य स्वसहायता समूह के सदस्यों को पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं संचालित करने की सुविधा प्रदान करके आजीविका का एक वैकल्पिक श्रोत प्रदान करना। समग्र आर्थिक विकास के लिए दूर-दराज के गांव को प्रमुख सेवाओं और सुविधाओं (बाजार, शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुंच सहित) से जोड़ने के लिए सुरक्षित सस्ती और सामुदायिक निगरानी वाली ग्रामीण परिवहन सेवाएं प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत 482 वाहन स्वीकृत किया गया है। इस योजना के अंतर्गत गरीब एवं वंचित ग्रामीण युवाओं को निःशुल्क आवासीय कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर दिया जाता है। दुर्गा स्वसहायता समूह भौरिंग महासमुंद, अन्नपुर्णा महिला स्वसहायता समूह चरकदा सरायपाली ने मिलकर उपयोगी सामग्री अगरबत्ती, साबुन, निरमा, बर्तन धोने का लिक्विड, छत्तीसगढ़ी व्यंजन आदि की प्रदर्षनी लगाकर अपने आपको आत्मनिर्भर बना रहे है।