धुर नक्सल प्रभावित इलाके में जवानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर किया ध्वजारोहण
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके में जवानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर ध्वजारोहण किया है। इसमें खास बात यह है कि इलाका पूरी तरह से माओवादियों का गढ़ है और अक्सर माओवादी इन इलाकों में 26 जनवरी के दिन गन की नोक पर ग्रामीणों की मौजूदगी में काला झंडा फहराते आए हैं। लेकिन इस बार यहां जवानों की मैजूदगी में ग्रामीणों और बच्चों ने राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया है। यह गनतंत्र पर गणतंत्र की जीत है।
बताया जा रहा है कि, CRPF की 74वीं वाहिनी के जवान नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले कोर्रापाड़, पालामडगु गांव पहुंचे। यहां पहले से ही इलाके के ग्रामीण और बच्चे मौजूद थे। लेकिन नक्सलियों के खौफ के बीच उन्होंने तिरंगा नहीं फहराया था। इसकी जानकारी जब जवानों को मिली तो उन्होंने CRPF कैंप से राष्ट्रध्वज मंगवाया। फिर ग्रामीणों और बच्चों के साथ मिलकर ध्वजारोहण किया। इस नक्सलगढ़ गांव में सभी ने साथ मिलकर राष्ट्रगान जन-गण-मन भी गाया।नक्सलगढ़ गांव में ग्रामीणों और बच्चों के साथ मिलकर तिरंगा फहराने के बाद बच्चों को मिठाईं भी बांटी। CRPF के अधिकारियों ने बताया कि इन गांवों में माओवादी अक्सर राष्ट्रीय पर्व का बहिष्कार करते हुए आए हैं। CRPF इलाके के ग्रामीणों के मन में लगातार विश्वास जीत रही है। CRPF इन इलाकों में लगातार अमन, चैन, शांति लाने का प्रयास कर रही है।इधर, दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित नहाड़ी गांव में हाल ही में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है। नहाड़ी गांव भी पूरी तरह से नक्सलियों के कब्जे में था। लेकिन कैंप स्थापित होने के बाद माओवादी इस गांव से थोड़े बैकफुट जरूर हुए हैं। यही वजह है कि सुरक्षाबलों के इस कैंप में आज गणतंत्र दिवस के मौके पर इलाके के ग्रामीण पहुंचकर जवानों के साथ मिलकर ध्वजारोहण किए हैं। पुलिस अफसरों ने बताया कि यह गांव की बदलती हुई तस्वीर है।