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जल उपयोगिता समिति की बैठक में विधायकों ने की किसानों को पानी देने की मांग

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“दीपक साहू की रिपोर्ट”

धमतरी। जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक कलेक्टर पी.एस. एल्मा की अध्यक्षता तथा सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव और धमतरी विधायक रंजना साहू की उपस्थिति में आज दोपहर कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित की गई, जिसमें जिले के जलाशयों में जलभराव की स्थिति तथा आगामी ग्रीष्मकालीन फसलों के लिए जल की उपलब्धता की समीक्षा की गई। बैठक में विधायक द्वय द्वारा रबी फसल की सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग की गई, किन्तु जिले के जलाशयों में सिर्फ निस्तारी एवं आरक्षित जल होने के कारण ग्रीष्मकालीन धान की फसल के लिए पानी नहीं छोड़े जाने का निर्णय समिति द्वारा लिया गया। समिति का अनुमोदन संभाग स्तरीय जल उपयोगिता समिति को भेजा जाएगा, जिसके बाद शासन द्वारा इस संबंध में निर्णय शासन द्वारा लिया जाएगा।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में सिहावा विधायक डॉ. ध्रुव और धमतरी विधायक रंजना साहू ने रबी सीजन में धान की फसल के लिए पानी की मांग की, जिस पर जलाशयों में वर्तमान में जलभराव की स्थिति से उन्हें अवगत कराया गया। तदुपरांत समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जिले के जलाशयों में पानी के अभाव के चलते रबी फसल की सिंचाई के लिए पानी दिया जाना संभव नहीं है। इस दौरान विधायकों ने आगामी रबी सीजन में धान के बजाय ऐसी फसलों का रकबा बढ़ाने के लिए कहा, जिसमें न्यूनतम जल की सिंचाई की आवश्यकता होती है। इस पर कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को निर्देशित किया कि रबी सीजन में किसानों को दलहन, तिलहन जैसी उतेरा फसलों के लिए प्रोत्साहित करें, जिसके लिए पानी की अतिरिक्त आवश्यकता नहीं होती। बैठक में उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में आगामी रबी सीजन में उतेरा फसलों के लिए 2440 हेक्टेयर रकबे का चयन किया गया है, जहां पर दलहन-तिलहन की फसलें किसानों द्वारा ली जाएंगी।
बैठक में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता (जलप्रबंध संभाग) ए.के. पालड़िया ने बताया कि वर्तमान में जिले के रविशंकर सागर जलाशय, मुरूमसिल्ली तथा दुधावा तीनों जलाशयों में कुल 64.63 प्रतिशत जलभराव है। उन्होंने यह भी बताया कि सोंढूर जलाशय में 2.13 टीएमसी जल का उपयोग सोंढूर प्रदायक नहर के सिंचाई योग्य क्षेत्र में पेयजल निस्तारी व नहर का कार्य किए जाने के कारण दुधावा जलाशय के लिए पानी नहीं लाया जा सकता। कार्यपालन अभियंता ने जलाशयों की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम रायपुर एवं धमतरी तथा अन्य शहरों के लिए पेयजल एवं धमतरी, बालोद, रायपुर एवं बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सैंच्य क्षेत्र में निस्तारी तथा महानदी के किनारे बसे गांवों में त्यौहार व अन्य प्रयोजनों के लिए 30 जून 2022 तक और खरीफ वर्ष 2022 के लिए कैरी ओवर हेतु कुल 31.59 टीएमसी पानी की आवश्यकता है, किन्तु तीनों जलाशयों में कुल 27.68 टीएमसी (64.63 प्रतिशत) पानी उपलब्ध है। अतः ग्रीष्मकालीन फसल के लिए पानी देना संभव नहीं है। इस प्रकार बैठक में समिति के द्वारा जलाभाव के कारण आगामी रबी में ग्रीष्मकालीन फसलों के लिए पानी नहीं छोड़े जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में जल संसाधन विभाग के कोड-90 एवं 02 के कार्यपालन अभियंता सहित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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