16 फरवरी से माघ पूर्णिमा, मात्र 113 दिन शेष
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। देश का प्रसिद्ध माघी पुन्नी मेला त्रिवेणी संगम में सदियों से लगता आ रहा है। छत्तीसगढ़ शासन ने मेला के स्वरूप को विस्तार करने के उद्देश्य से नदी तट पर पूरी आयोजन करने की बात पिछले दो वर्षों से करते हुए आ रहे हैं इसके लिए पिछले वर्ष गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने मुख्य मंच से 54 एकड़ जमीन चौबेबांधा- राजिम नदी तट पर आरक्षित करने की जानकारी दी गई तथा आने वाला वर्ष में यहीं पर मेला लगने का भरोसा दिलाया गया। इसके लिए सन् 2021 में ही पूरी व्यवस्था होने की बात बताई गई थी लेकिन सुस्त रवैया के चलते या फिर तैयारी नहीं होने के कारण पुराने स्थल पर आयोजन संपन्न हुआ और मंच से ही हुंकार भरा गया कि आने वाले सत्र में इसे स्थानांतरित कर दिया जाएगा परंतु अब सन् 2022 का माघी पुन्नी मेला फिर नजदीक आ रहा है। आज से मात्र 113 दिन बाद यानी ठीक साढ़े तीन महीना पश्चात 16 फरवरी दिन बुधवार को मांघ पूर्णिमा मेला शुरू होगा जो लगातार 15 दिनों तक महाशिवरात्रि के बाद ही समापन होगा। उल्लेखनीय है कि यह प्रदेश का सबसे बड़ा मेला माना जाता है जिस लिहाज से ना सिर्फ प्रदेश भर के लोग बल्कि अन्य प्रदेशों के अलावा विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां की खूबी एवं महत्व को जानने के लिए पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ शासन प्रत्येक कार्य को स्थाई रूप से करना चाहते हैं। आस्थाई आयोजन में करोड़ों रुपए पानी के मोल बह जाता है इसलिए पक्का निर्माण कर स्वरूप को वृहद करना चाहते हैं। इसके लिए बीच में जानकारी मिली थी की जमीन अधिग्रहित करने का काम जारी है परंतु उसके बाद कोई जानकारी अभी तक नहीं आई है। चयनित स्थल पर अभी तक कोई पक्का निर्माण नहीं हुआ है जबकि वृहद आयोजन में संत समागम के लिए बड़ा मंच, साधु संतों के लिए कुटिया, सड़कें, मुक्ता काशी सांस्कृतिक मंच, बाहर से आए लोगों के लिए निवासी स्थल, मीना बाजार के लिए बड़ा मैदान समेत अनेक कार्य होंगे। जो चुटकी बजाते नहीं हो सकता इसके लिए समय लगता है। अभी तक एक भी कार्य नहीं होने से लोगों में संशय बरकरार है की आने वाला सन् 2022 का पुन्नी मेला नवीन स्थल पर लगेगा की पुनः पुरानी स्थल पर ही संपन्न होगा। मिली जानकारी के अनुसार नवीन मेला क्षेत्र में 40 फीट की चौड़ी सड़क के अलावा मुख्य सड़कों को फोर या फिर सिक्स लेन बनाने की बात उभर कर सामने आई थी। जो स्थानीय लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन हकीकत क्या है अभी तक जिला प्रशासन का प्राक्कलन देखने को नहीं मिला है। नवीन मेला मैदान में निर्माण कार्य किस तरह से होना चाहिए अभी तक नक्शा जारी नहीं हुआ है।