विकास के नाम पर जनधन का दुरुपयोग
रायपुर । सड़क निर्माण में जन धन का अपव्यय और लापरवाही इस चित्र में साफ दिखाई पड़ती है। राजधानी के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुरानी धमतरी रोड, हरदेव लाल मन्दिर चौक से दूधाधारी मंदिर जाने वाली सड़क को विगत वर्षों से लगातार उसके ऊपर परत दर परत कोलतार की चढ़ाकर मूल पुरानी सड़क से लगभग ढाई फुट ऊंचा कर दिया गया है । अभी चल रहे नए विकास कार्य के चलते सड़क के किनारे बचे हुए स्थान को तेजी से कांक्रीटीकरण किया जा रहा है । सड़क का लेबल पहले ही काफी उठ गया है । सड़क के किनारों पर बचे हुए स्थान पर निर्माण ठेकेदार द्वारा रोड लेवल पर सीमेंट कंक्रीट की काफी मोटी फीलिंग की जा रही है। प्रथम दृष्टि में कार्य की गति को देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों अचानक प्राप्त बजट को वित्तीय वर्ष सीमा में खर्च करने के उद्देश्य से बहुमूल्य निर्माण सामग्री सीमेंट का अपव्यय हड़बड़ी में किया जा रहा है। इस कार्य का नतीजा यह भी हो रहा है कि सड़क के किनारे बने हुए घर बारिश के पानी के बहाव के लिहाज से नीचे स्तर पर आ गए हैं। जिससे निकट भविष्य में इनके धसकने का खतरा मंडराने लगा है । सड़क निर्माण में विशेषज्ञता रखने वाले शासकीय सेवारत अभियंता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि सड़क की निर्माण प्रक्रिया में पहले वाली सड़क को उखाड़ कर नए सिरे से सड़क का निर्माण किया जाता है ताकि सड़क का स्तर अगर जरूरत ना हो तो ऊपर ना उठे । नियमतः सड़क का स्तर ऊंचा उठाने की प्रक्रिया नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे को जल भराव से बचाने और मजबूत करने के दृष्टिकोण से होती है। सामान्यतः रिहायशी कॉलोनियों बस्तियों में सड़क का लेबल ऊपर नहीं उठाया जाता लेकिन आमतौर पर मानिटरिंग के अभाव में निर्माण कार्य में जुटे ठेकेदार समय और धन बचाने के उद्देश्य से लापरवाही करते हुए सड़क के ऊपर सड़क बनाते चले जाते हैं । इससे न केवल निर्माण गुणवत्ता प्रभावित होती साथ ही भ्रष्टाचार भी पनपता है। उन्होंने यह भी बताया कि आमतौर पर शहर की पाश कालोनियों और शासकीय अधिकारियों के आवास के पास की सड़कें कभी आवास के निश्चित लेबल से ऊपर नहीं उठती। क्योंकि वहां लगातार जिम्मेदार इंजीनियर समय-समय पर वाटर लेवल की जांच निर्माण के समय में करते रहते हैं । उन्होंने यह अंदेसा जताया कि अगर निर्माण कार्य की योजना बनाने वाले जिम्मेदार अधिकारी इसी तरह कि लापरवाही बरतते रहे तो राजधानी के ज्यादातर मुहल्ले की सड़कों का स्तर ऊपर उठ जाएगा । इससे भविष्य में शासकीय आवासीय कॉलोनियों और व्हीआईपी क्षेत्रों में भी जहां की सड़को का लेबल ऊंचा नहीं कर रहे हैं भारी बरसात में तरण ताल में तब्दील होने का खतरा उत्पन्न हो सकता है।