किरवई के पवन दीवान स्कूल में मनी संविधान दिवस

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । समीपस्थ ग्राम किरवई के संत कवि पवन दीवान शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में संविधान दिवस पर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को संविधान की उद्देशिका का वाचन करते हुए संविधान का पालन करने हेतु संस्था प्राचार्य प्रफुल्ल दुबे ने शपथ दिलाया। व्याख्याता उमेश सिन्हा ने सविधान निर्माण की प्रक्रिया को बताते हुए कहा कि हमारा भारत का संविधान संसार का सबसे बड़ा लिखित एवं विस्तृत संविधान हैं इसके निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगा। जिसमें देश के सभी भागों के लगभग 300 प्रबुद्ध विद्वान सदस्य थे। संस्था प्राचार्य प्रफुल्ल दुबे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज संविधान है तब हम सब अपनी अपनी जगह में स्वतंत्रता पूर्वक शांति के साथ जीवन निर्वाह कर रहे हैं। संविधान की सबसे बड़ी खूबसूरती धर्मनिरपेक्षता है जिसमें सभी धर्मों को समान अधिकार प्राप्त है एवं हमारे देश के सभी नागरिक कोई भी धर्म अपना सकते हैं धर्म के आधार पर संविधान में किसी प्रकार से भेदभाव नहीं किया गया है। सविधान निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, पंडित जवाहरलाल नेहरू, के एम मुंशी एवं अय्यर का महत्वपूर्ण रोल है। हमारा संविधान संसार के सभी देशों के संविधान का निचोड़ है इसमें नागरिकों के मूल अधिकार एवं कर्तव्य तथा राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का स्पष्ट उल्लेख है प्रजातंत्र की संसदीय प्रणाली की व्यवस्था है एकात्मकता के साथ-साथ संसदात्मक शासन की अनूठी योजना है आज इस संविधान के कारण ही हम 75 साल से विकास की धारा में आगे बढ़े हैं एवं विश्व में भारत का नाम रोशन हो रहा है। इस अवसर पर संस्था में व्याख्याता बसंत साहू, संतलाल भारती, रेखराम सोनकर, साधना वर्मा, पायल चावड़ा, सूर्यकांत साहू, उमेश सिन्हा, दामिनी साहू, जरा बानो सोनिया टोक्यो, गंगा साहू, विक्रम ठाकुर, चंद्रशेखर रात्रे, मीना सपहा के अलावा सभी विद्यार्थी उपस्थित थे।

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