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Chhattisgarh

नवागांव एनीकट आधा खाली,बेवजह बहा दी पानी,गेट पूरी तरह बंद नहीं किया तो एक बूंद भी नहीं बचेगा पानी

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“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम । त्रिवेणी संगम के ऊपर पैरी, सोढूर नदी पर बने नवागांव एनीकट 15 दिन पहले पानी से लबालब भरा हुआ था। इसके लिए जल संसाधन विभाग गरियाबंद बकायदा सिकासेर जलाशय से पानी छोड़ दिया और एनीकट में स्टोरेज किया परंतु एनीकट के गेट खुला छोड़ने के कारण पूरी पानी धीरे-धीरे करके निकल गया। आम जनता ने अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराया लेकिन उन्होंने कुंभकरणीय नींद से जागना उचित नहीं समझा। नतीजा पानी फालतू बह गया। बताया जाता है कि नवागांव एनीकट का देखरेख जल संसाधन विभाग जिला धमतरी के जिम्मा है। अभी भी जलद्वार से पानी निकल रहा है। इसी तरह बहता रहा तो सप्ताह भर के अंतर्गत एनीकट में बूंद भर पानी नहीं बचेगा। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व आजादी के 75वीं अमृत महोत्सव के अंतर्गत तथा राजिम माघी पुन्नी मेला में त्रिवेणी संगम राजिम पहुंचे जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि राजिम में पानी का स्टोरेज हो इसके लिए क्या किया जाए आप हमें बताएं हम हर संभव प्रयास करेंगे ताकि यहां का दृश्य सुहावना हो और पानी की कमी साल भर ना हो। ठीक इसके विपरीत यहां काम होता दिखाई दे रहा है स्टोरेज पानी को भी रोकने के बजाय बहा देना उचित समझे जा रहे इन अफसरों की कैसी सोच है। विभागीय उदासीनता के नतीजा अब नदी किनारे बसे हजारों लोगों को भुगतना पड़ेगा। नवागांव एनीकट से आधा से ज्यादा पानी कम हो गया है जिसके कारण भूजल स्तर नीचे चला गया है। कुआं, बोर, बोरिंग, नलकूप आदि जवाब दे रहे हैं। बताना जरूरी होगा कि इस एनीकट के लबालब होने से इनका जल भराव क्षमता दूर तक होता है जिसके कारण रायपुर जिला के नवापारा शहर, धमतरी जिला के दर्जनों गांव एवं गरियाबंद जिला के राजिम शहर के अलावा अनेक गांव को फायदा पहुंचता है। अर्थात तीन जिला इससे लाभान्वित होते हैं। और जिम्मेदारों को इनके तनिक भी चिंता नहीं है यह सोचनीय विषय बनती जा रही है। सबसे बड़ी बात अभी कुछ पानी है तब संगम को पानी मिल रही है परंतु बचा हुआ पानी भी तेजी के साथ बह रहा है उसके बाद तो नदी पूरी तरह से सूख जाएगी तब अस्थि विसर्जन, मुंडन संस्कार, पर्व स्नान आदि के लिए श्रद्धालुओं को भटकना पड़ेगा। कहना होगा कि राजिम में संगम एनीकट बना हुआ है यदि यहां भी पानी रोक दिया जाए तो भूजल स्तर तो पड़ेगा ही साथ ही लोगों को निस्तारित पानी भी उपलब्ध होगी लेकिन जल संसाधन विभाग इन्हें बंद नहीं कर रहे हैं जिसके कारण पानी एक बूंद भी नहीं रुक रही है। पानी को फालतू बहा देने से समस्या बढ़ती जा रही है और विभागीय अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं जबकि राजधानी में बड़े अधिकारी भूजल स्तर को लेकर चिंतित है और जिले के मातहत अफसरों की बेरुखी चिंता का विषय बनी हुई है।
पानी कम होने से दिख रहा नदी में रेत
स्टोरेज पानी कम होने के कारण अब नदी की रेत भी दिख रहा है। चौबेबांधा पुल के पास नदी में 5 से 7 फीट गहरी पानी होता था लेकिन आप यहां रेत दिखाई दे रहे हैं। नदी किनारे कछारी भूमि पर बहुत से किसानों ने सब्जी बाड़ी लगाए हैं अब उन्हें सिंचाई की चिंता हो रही है। गर्मी तेज है प्रतिदिन सिंचाई की जरूरत हो रही है यदि समय पर पानी नहीं पिलाया गया तो फसल सूख जाएगी और इस तरह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
मछुआरे होंगे बेरोजगार
एनीकट में पानी होने के कारण प्रतिदिन मछुआरे मछली पकड़ कर अपने व परिवार का जी को परिजन कर रहे हैं परंतु पानी कम होने के कारण वह बेरोजगार हो जाएंगे उनके रोजी-रोटी का जरिया छिन जाएगा। इस बात को लेकर वह अत्यंत चिंतित है।
गर्मी में नहाने के लिए नहीं मिलेगा साफ पानी
पानी किस गति से बाहर निकल रहा है उसके अनुसार सप्ताह भर के अंतर्गत एनीकट में पानी ही नहीं बचेगा। उसके बाद साफ पानी में नहाने की समस्या उत्पन्न होगी बताना होगा कि वर्तमान में एनीकट में बड़ी संख्या में लोग स्नान करते हैं। पानी कम होने के कारण मटमैला पानी उभर कर सामने आ रहे हैं इसके बाद तो नहाते नहीं नहीं बन पाएगा।

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