The Popatlal

सच्ची खबर देंगे पोपटलाल

Chhattisgarh

नवागांव एनीकट में चौबेबांधा पुल के पास एनडीआरएफ की टीम ने किया मांक ड्रिल

Spread the love
”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

राजिम। धार्मिक नगरी राजिम में एनडीआरएफ की टीम बाढ़ में फंसे हुए लोगों की जान बचाने के लिए अभ्यास किया। तीसरी बटालियन मुनादली कटक उड़ीसा की टीम में वैसे तो 33 सदस्य हैं लेकिन यहां 29 सदस्य उपस्थित होकर शानदार अभ्यास किया जिसे देखने के लिए राहगीरों के अलावा आस-पास के गांव के साथ ही चौबेबांधा, राजिम शहर के स्कूल कॉलेज के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे इनमें एनसीसी व एनएसएस के छात्र भी सम्मिलित हैं। टीम कमांडर राजेश कुमार साहू, अंडर कमांडर अरुण देवगन के नेतृत्व में सुबह 11:20 से लेकर दोपहर 12:40 तक लगातार 1 घंटे 20 मिनट तक अभ्यास करते रहे। इस दौरान नहाते हुए कुछ लोग अचानक नदी में बाढ़ का पानी बढ़ने से फंस गए और उन्होंने एक टापू में जाकर सहारा लिया। मदद की गुहार करने लगे, तब इस टीम ने तत्परता दिखाते हुए सभी को बाहर निकालने के लिए मोटर बोट के सहारे पानी में जा घुसे और एक एक कर सभी को सुरक्षित निकाला। इस डेमो को देखकर लोग अचंभित हुए। टीम के सदस्यों की एक्टिविटीज लोगों को काफी पसंद आई। उनके साहस और तत्परता ने काफी प्रभावित किया। रेस्क्यू कैसे किया जाता है तथा जान हथेली पर रखकर बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने की तरकीब लोगों ने जाना। इस मौके पर बाढ़ में फंसे व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकालने डीप ड्राइविंग द्वारा डूबे व्यक्ति का रेस्क्यू करने का मांक ड्रिल और बाढ़ वाले क्षेत्रों में फंसे व्यक्तियों को घरेलू सामग्रियों जैसे पानी ड्रम, प्लास्टिक बॉटल, फुटबॉल इत्यादि का प्रयोग कर राफ्ट बना सुरक्षित बाहर निकालने की जानकारी दी गई। प्रदर्शन के दौरान नाव, मोटर बोट, लाइफ जैकेट, लाइव बाय की व्यवस्था थी। इस अवसर पर एसडीएम अविनाश भोई, तहसीलदार अनुपम आशीष टोप्पो, जनपद सीईओ नरसिंह ध्रुव, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सी एस मिश्रा,चौबेबांधा के सरपंच दुलीचंद आंडे, उपसरपंच धनेंद्र साहू, पंचायत सचिव जागेश्वर साहू, सहित पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि राजिम छत्तीसगढ़ का प्रयाग नगरी है यहां तीन नदियां सोंढूर,पैरी एवं महानदी संगम का संगम है। बरसात में यहां बाढ़ का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है जब तीनों नदी उफान पर रहती है तब समुद्र का नजारा दिखता है। इस वर्ष भी बाढ़ का पानी कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर के प्रांगण तक पहुंच गया था। कई बार लोग लट्ठे पकड़ने के चक्कर में या फिर संगम के बीच स्थित मंदिर में फंस गए हैं उन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया था। अभ्यास देखने लोग स्वत: बड़ी संख्या में पहुंचे हुए थे। ज्ञातव्य हो कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अमृत महोत्सव समारोह की पूर्व संध्या पर 75 प्रमुख ऐतिहासिक स्थानों पर मॉक ड्रिल का संचालन किए जाने का निर्देश दिया गया था जिसके तहत राजिम स्थित केंद्रीय संरक्षित स्थलों के संरक्षित क्षेत्र के भीतर बाढ़ से बचाव हेतु मांक ड्रिल का आयोजन संपन्न हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *