कर्मचारियों के कलम बंद मशाल उठाआंन्दोलन का जनप्रतिनिधियों ने किया समर्थन
धमतरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार ने केंद्रीय कर्मचारी अधिकारियों को महंगाई भत्ता के रूप में 28% (डी.ए.) राशि देने का घोषणा किया गया है उसी के अनुपालन मे राज्य सरकार के कर्मचारी अधिकारी के रूप में सेवा दे रहे विभिन्न कर्मचारी संगठनों के द्वारा एक मंच पर एकत्रित होकर 3 अगस्त को कलम बंद,मशाल उठा का नारा देते हुए राज्य सरकार के विरुद्ध एक दिवसीय धरने का आगाज करते हुवे मांग की गई कि कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित जायज मांग को अतिशीघ्र पूरा किया जावे। जिसे समर्थन देने के लिए नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र नोहरा पार्षद गण राजेंद्र शर्मा, विजय मोटवानी ,धनीराम सोनकर, दीपक गजेंद्र ,सरिता आसाई, सुशीला तिवारी, प्राची सोनी,श्यामा साहू आंदोलन स्थल गांधी चौक पहुंचे और उक्त धरना का समर्थन किया। नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा ने कहा कि कर्मचारी फेडरेशन के मांगो को नजरअंदाज करना सरकार के लिए घातक होकर दुर्रगामी नुकसानदेह साबित हो सकता है। सरकार के प्रत्येक प्रशासनिक तथा विभिन्न योजनाओं को मैदानी स्तर पर कार्य रूप मे संचालित करने के लिए सभी कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और यदि वही समस्या ग्रस्त हो जाए तो राज्य का विकास तथा आम जनमानस का उत्थान अवरुद्ध हो जाता है इसलिए कर्मचारियों के उक्त मांग को अविलंब पूरा करते हुए प्रशासनिक गतिविधियों के संचालन हेतु उन्हें प्रोत्साहित कर फिर से कार्यों फिर से कार्यों को संचालित करने के लिए मूर्त रूप प्रदान करना चाहिए। वही भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष विजय मोटवानी ने कहा कि शासन व प्रशासन एक-दूसरे के पूरक होते हैं शासन को क्रियाशील रखने के लिए प्रशासनिक कार्यों का सुचारू रूप से संचालन अति आवश्यक है इसलिए संवेदनशीलता के साथ कर्मचारियों के मांगों को सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए अविलंब पूरा किया जाना चाहिए।
“वैभव चौबे की रिपोर्ट”