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पेंशनरों को 34℅ महंगाई राहत देने अनुमति मांगा है लेकिन छत्तीसगढ शासन चुप्पी से दोनों राज्य के पेशनर परेशान

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भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने छत्तीसगढ़ राज्य शासन पर आरोप लगाया है कि वित्त सचिव, मध्य प्रदेश शासन के द्वारा वित्त सचिव छत्तीसगढ़ शासन को पत्र भेजकर दोनों राज्य के पेंशनर्स को 34℅ महंगाई राहत देने हेतु मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 की बाध्यता के तहत सहमति मांगा है। परंतु छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा सहमति देने में विलम्ब के कारण दोनों राज्य के पेंशनर और परिवार पेंशनर परेशान है.

         जारी  विज्ञप्ति में नामदेव ने आगे बताया है कि मध्य प्रदेश शासन के वित्त सचिव अजीत कुमार ने छत्तीसगढ़ शासन के वित्त सचिव को अर्धशासकीय पत्र क्रमांक 1411   दिनांक 25/8/22 को भेजकर उल्लेख किया है कि म प्र शासन राज्य के पेंशनरों/परिवार पेंशनरों को देय महंगाई राहत के दर में 01अगस्त2022 ( भुगतान सितम्बर 2022) से वृद्धि करते हुए कुल 34℅ करने का निर्णय लिया है.मध्य प्रदेश पुनर्गठनअधिनियम की धारा 49 के अनुसार पेंशनरो/परिवार पेंशनरों को देय महंगाई राहत में वृद्धि के फलस्वरुप व्यय म प्र शासन एव्ं छ ग शासन द्वारा नियत अनुपात में वहन किया जाता है.अत: महंगाई राहत में वृद्धि का आदेश जारी करने के पूर्व छत्तीसगढ़ शासन की अनुमति आवश्यक है. उपरोक्त अनुक्रम में म प्र पुनर्गठन अधिनियम2000 की धारा 49 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन की सहमति से शीघ्र अवगत का अनुरोध है.

    *इसी सन्दर्भ में राज्य मन्त्री दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति मन्त्रालय के अध्यक्ष रमेश चन्द्र शर्मा ने 19 अक्टुबर 22 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमन्त्री, मुख्य सचिव तथा वित्त सचिव अमेर मंगई डी को अलग अलग पत्र भेजकर मध्यप्रदेश शासन द्वारा 25/8/22 को छत्तीसगढ़ शासन को भेजे पत्र का हवाला देकर मध्यप्रदेश राज्य के पेंशनरों/परिवार पेंशनरों को देय महंगाई राहत में 34% वृद्धि करने की शीघ्र सहमति प्रदान करने का आग्रह किया है.*
                छत्तीसगढ़ शासन द्वारा म प्र शासन के द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के समय दोनों राज्य में पेंशनरों को एक समान 22℅ के दर से महंगाई राहत प्राप्त हो रहा था, अत: कुल 12℅ महंगाई राहत देने सम्बन्धी प्रस्ताव के विरुद्ध छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 14 सितम्बर 22 को केवल 6℅ महंगाई राहत देने का आदेश जारी किया गया. जबकि मध्यप्रदेश शासन ने 12% की अनुमति मांगा था ताकि केन्द्र के बराबर 34% दिया जा सके. परंतु छत्तीसगढ़ सरकार   ने जानबूझकर पेंशनरों के साथ अन्याय किया है.जिसका खामियाजा दोनों राज्य के पेंशनर भुगत रहे हैं.

                     उल्लेखनीय है कि 14 अक्टुबर 22 को छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग ने एक आदेश जारी कर कर्मचरियों का 5℅ महंगाई भत्ता में वृद्धिकर कुल 33℅ प्रतिशत कर दिया है परंतु बुजुर्ग पेंशनरों तथा परिवार पेंशनरों को मध्यप्रदेश से अनुमति के बहाने बाजी में आदेश से वंचित रखा गया है. जबकि मध्यप्रदेश के बहुत पहले 25 अगस्त 22 को भेजे पत्र पत्र छत्तीसगढ़ सरकार को सहमति देना है. उनसे अलग से अनुमति- सहमति की कोई जरूरत नहीं है.

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