इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड तथा एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ राजिम के छहवर्षीय सिद्धार्थ शर्मा का नाम
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम । छह वर्षीय सिद्धार्थ शर्मा द्वारा अनवरत सत्ताईस मिनट तक एक साथ सोलह कविताओं का पाठ मंच पर किया गया, जिसमें लगभग दो हज़ार चार सौ शब्द हैं। रामधारी सिंह दिनकर की कविता रश्मिरथी का तृतीय सर्ग, यह प्रदीप जो दिख रहा है तथा शक्ति और क्षमा, जयशंकर प्रसाद की कविता हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, सोहनलाल द्विवेदी की कविता लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल हो गई है पीर पर्वत-सी, अटल बिहारी वाजपेयी की कविता कदम मिलाकर चलना होगा, माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा, हरिवंशराय बच्चन की कविता अग्निपथ, द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की कविता वीर तुम बढ़े चलो, नागार्जुन की कविता अकाल और उसके बाद, अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की कविता जागो प्यारे, केदारनाथ अग्रवाल की कविता जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है, शिवमंगल सिंह सुमन की कविता तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार, सुजश कुमार शर्मा की कविता आखिर क्या है सत्य तथा स्वरचित कविता मुझे तो सब अच्छा लगता है, का एक साथ सिद्धार्थ शर्मा द्वारा काव्य प्रस्तुति दी गई, जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इस रिकॉर्ड को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।कविता, शतरंज और गणित के त्रिवेणी संगम सिद्धार्थ शर्मा को उनकी विलक्षण प्रतिभा के कारण इसके पूर्व चंडीगढ़ में आयोजित समारोह में द चाइल्ड प्रोडिज़ी एवार्ड-2022 से अलंकृत किया जा चुका है। द चाइल्ड प्रोडिज़ी संस्था ने उन्हें विश्व के 100 विलक्षण प्रतिभासंपन्न बालकों में से एक माना है। सिद्धार्थ को छत्तीसगढ़ प्रांतीय अखंड ब्राह्मण समाज रायपुर के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में विलक्षण प्रतिभासंपन्न बालक सम्मान-2022 से भी समादृत किया गया तथा रेलवे भर्ती बोर्ड बिलासपुर एवं अन्य मंचों द्वारा आयोजित कवि सम्मेलनों में उनके द्वारा काव्य पाठ किया जा चुका है। उक्त अवसरों पर उन्हें प्रशस्तिपत्र, पदक एवं स्मृति चिह्न से अलंकृत किया गया। राजिम की वरिष्ठ कवयित्री सुधा शर्मा एवं डायरीकार शरद शर्मा के पोते सिद्धार्थ को सौ तक का पहाड़ा, बीस तक का वर्ग एवं वर्गमूल पाँच वर्ष की उम्र में याद हो गया था। इसके अतिरिक्त उन्हें दशमलव और प्रतिशत इत्यादि की समझ है। वे पच्चीसों अंक की संख्या का जोड़-घटाना पाँच वर्ष की उम्र से ही कर लेते हैं। सिद्धार्थ को शतरंज के सौ प्रकार की ओपनिंग, शतरंज के लगभग पाँच सौ तकनीकी शब्द एवं शतरंज के विश्व चैंपियनों के नाम, भारत के राज्यों की राजधानियाँ के नाम, छत्तीसगढ़ के जिलों के नाम तथा भारत में स्थित रेलवे भर्ती बोर्डों के नाम एवं अन्य सामान्य ज्ञान पाँच वर्ष की उम्र में याद हो गए थे। सिद्धार्थ कठिन शब्दों वाली कविताओं का सहजता से पाठ करने में सक्षम हैं। उक्त कविताओं का पाठ वे मंच पर अनवरत सत्ताईस मिनट तक करने में समर्थ हैं। सिद्धार्थ के तत्संबंधी विडियो उनके यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध हैं। विलक्षण प्रतिभासंपन्न बालक सिद्धार्थ द्वारा कविता के क्षेत्र में अभूतपूर्व विलक्षण योग्यता अर्जित करने के कारण उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड तथा एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। उक्त उपलब्धि पर नगरवासियों द्वारा उन्हें सहर्ष बधाइयाँ दी गईं।