कुलेश्वर महादेव मंदिर के किनारे रेत में जिंदा दफन होकर 11 घंटे तपस्या करते हैं साधु
राजिम। राजिम के नदी के बीचो-बीच बने कुलेश्वर महादेव मंदिर के किनारे रेत में एक संत 11 घंटों तक दबे रहते हैं। रेत में दफन होने के बावजूद उनकी सांसे चलती है। रेत के बाहर उनका धड़कता हुआ सीना सांसो की गति के साथ ऊपर नीचे होता है, तो बाहर खड़े लोगों की यह देखकर सांसे रुक जाती है। उत्तर प्रदेश से आए शंकर गिरी नाम के इस साधु का ज्यादातर वक्त रेत के नीचे तपस्या करने में बीतता है। रेत के भीतर दफन होकर यह अपने दोनों हाथ ऊपर रखते हैं। हाथों में नारियल होता है जैसे भगवान के सामने प्रार्थना कर रहे हो और अंदर जारी रहती है एक संत का हैरान कर देने वाली तपस्या। शंकर गिरी के साथ आए उत्तराखंड के साधनों ने बताया कि लगातार सालों की तपस्या के बाद और अभ्यास के बाद एक साधु और रेत के नीचे घंटों तक दफन होकर यह योग कर पाता है। इस दौरान सास भी ली जाती है लेकिन सांस, भीतर ही ली और छोड़ी जाती है अभ्यास की वजह से यह जाप करने वाले संतो को रेत के भीतर रहने की आदत होती है और उनका शरीर इस तकलीफ को भी झेल कर भगवान को याद करने की तपस्या में लीन रहता है।