मौसमी सीताफल की डिमांड बढ़ी
“संतोष सोनकर की रिपोर्ट”
राजिम। शहर में इन दिनों मौसमी स्वादिष्ट सीताफल बड़ी संख्या में आने लगी है। लोगों को इस मौसम का खासा इंतजार रहता है क्योंकि साल भर में यही एक उपयुक्त समय होता है जिसमें सीताफल का स्वाद चखने का मौका मिलता है। उल्लेखनीय है कि यहां अलग-अलग मौसम में अलग-अलग फलों का आनंद लिया जाता है। गांव में तो सीताफल की अलग बगीचा होता है। गांव से होकर सीधे शहर के सब्जी मंडी में बिकने के लिए बड़ी संख्या में सीताफल आ रहे हैं। सब्जी मंडी से होकर पसरा बाजार के माध्यम से खरीदकर लोग इनका सेवन करते हैं। बाजार में ₹100 किलो में आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। डिमांड के अनुरूप सीताफल की उपलब्धता के चलते कीमतों में नरमी आई है इससे पहले ₹300 किलो सीताफल बिक रहे थे आगे आने वाले समय में ₹100 से भी घटकर कम हो सकती है लेकिन इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा। बता दे कि सीताफल के बाहरी त्वचा हरे रंग की होती है जो एक और उनकी तरह फल के अंदर मौजूद गूदे को ढक कर रखती है सीताफल को शुगर एप्पल और शरीफा के नाम से भी जाना जाता है इसका वैज्ञानिक नाम एनोना स्क्वैमौसा है। यह फल पकने के बाद स्वत: दरार नुमा हो जाता है। गुदे के अंदर बीज होते हैं। इनके अनेक फायदे बताए जाते हैं इनमें मुख्य रूप से सोडियम और पोटेशियम की मात्रा भरपूर पाया जाता है। इन्हें खाने से अनेक फायदे बताए जाते है।सीताफल के शौकीन ज्यादा सीताफल के शौकीन शहर में सबसे ज्यादा है लोग सुबह-सुबह सीताफल खरीदने के लिए सब्जी मंडियों के अलावा पसरा बाजार तथा सड़क किनारे लगे हुए सब्जी के दुकानों पर अक्सर पूछते रहते हैं। सीताफल को खाने के लिए किसी उम्र विशेष की जरूरत नहीं होती। इन्हें सभी उम्र के लोग बड़े शौक से खाते हैं। बच्चे तो सबसे ज्यादा ही पसंद करते हैं उसके बाद महिलाओं के साथ ही युवा और बुजुर्ग वर्ग के लोगों का खासा पसंदीदा है। लगातार आ रहे सीताफल तथा मांग भी इनकी तेजी से हो रही है उस हिसाब से इस बार सीताफल की फसल भी अच्छी हुई है। गांव से सीताफल की टोकरी लेकर पहुंचे रामचरण निषाद ने बताया कि यह फल वर्ष में एक ही बार आता है लेकिन अच्छी पैसा दे जाता है बाजार में इनकी कीमत बढ़िया रहने के कारण हमें इनकम भी खूब होता है। अभी सौ रुपया किलो होने से प्रसन्न है।