तना छेदक, शीत ब्लास्ट, पत्ती मोडक,भूरा माहू का प्रकोप बढ़ा

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राजिम । अंचल में बड़ी संख्या में किसान खरीफ की फसल लगाए हुए हैं इन दिनों उन्हें फसलों की देखरेख में ज्यादा ध्यान देना पड़ रहा है तनिक भी चूके तो बीमारियां फसलों को चट कर जाएंगे। क्योंकि अभी धान के पौधे गाभिन अवस्था में हैं कई जगह के पौधे में धान की बालियां आ गई है तथा उसमें दूध लग रहे हैं। इन फसलों पर तना छेदक, शीत ब्लास्ट,भूरा माहो एवं पत्ती मोडक जैसे खतरनाक बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है जिनको देखकर किसान चिंतित हो गए हैं और दवाई दुकानों के चक्कर काट रहे हैं एक मोटी रकम खर्चा कर वह महंगी दवाई लाकर स्प्रे से छिड़काव कर रहे हैं। जिन किसानों को बीमारियां समझ में नहीं आ रही है वह सीधे पौधों को ही उखाड़ कर दवाई दुकानों के संचालक के पास लाकर उन्हें दिखा रहे हैं और वह उनके परीक्षण के पश्चात ही उन्हें दवाई दे रहे हैं ताकि एक ही दवाई में वह बीमारी छूमंतर हो जाए। इन दिनों कृषि विभाग को सतर्क होना चाहिए तथा किसानों के संपर्क में आकर गांव गांव में चौपाल लगाकर मार्गदर्शन करना चाहिए लेकिन उनका अता पता नहीं है। चौबेबांधा के किसानों ने बताया कि ग्राम सेवक कौन हैं वह नहीं जानते। इसी तरह से कई गांव के लोगों का कहना है कि कृषि विभाग के अधिकारी आकर हमें उचित मार्गदर्शन नहीं देते। नतीजा इधर-उधर भटकना पड़ता है अर्थात राजिम क्षेत्र के गांव में कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी जानकारी मुहैया कराने में बहुत पीछे हैं मसलन किसानों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। इस समय फसलों की देखरेख खूब करनी पड़ती है खेतों में पानी होना तथा किसी प्रकार से बन,बूटा आदि अनर्गल पौधे ना जगे इस बात का बराबर ध्यान रखना पड़ता है। खाद छिड़काव का काम किसानों ने लगभग पूर्ण कर लिए हैं अब बीमारियों पर काबू पाने के लिए मात्र दवाई छिड़क रहे हैं। गत दिनों हुई तेज बारिश के कारण खेतों में पानी भर गए थे लेकिन जैसे ही बारिश थमी है खेतों से पानी नदारद हो गए हैं इधर पानी की ज्यादा मात्रा को देखते हुए नहरों से पानी बंद कर दिए गए हैं अब किसानों को पानी की जरूरत है लेकिन नहरों से पानी नहीं आ रहे हैं क्षेत्र के किसानों ने शीघ्र नहरों में पानी छोड़ने की मांग की है ताकि उनके खेतों में पानी की कमी ना रहे। बता देना जरूरी है कि यदि इस समय खेतों में पानी की कमी हो जाती है तो फसल के उत्पादन उन्हें ठीक ढंग से नहीं मिल पाएगी। संभवत: किसानों को टोटल नुकसान उठाना पड़ेगा। स्थिति परिस्थिति को देखते हुए किसान लीलाराम साहू, परमेश्वर परमेश्वर पटेल, चंदन यादव, नरेश निर्मलकर, महेश साहू संतोष सोनकर, महेंद्र पटेल, पृथ्वी साहू, संतोष कुमार, गणेश पाल आदि ने शीघ्र नहरों में पानी छोड़ने की मांग विधायक अमितेश शुक्ला सहित संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारियों से की है।

”संतोष सोनकर की रिपोर्ट”

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